CG कुरुद में चतुष्कोणीय घमासान : भाजपा-कांग्रेस के अलावा एक बागी चंद्राकर भी मैदान में, ‘आप’ का प्रत्याशी भी मार रहा जोर

कुरुद। छत्तीसगढ़ के कुरूद में भाजपा- कांग्रेस और आप के साथ निर्दलीय के बीच मुकाबला है। कुरूद विधानसभा पांच बार के विधायक अजय चंद्राकर का गढ़ है। जिसके कारण नगर पंचायत कुरुद निकाय चुनाव की दृष्टिकोण से हाईप्रोफ़ाइल हो गया है। इस बार यहां अध्यक्ष पद के लिए मुकाबला मुख्य विपक्षी दल भाजपा-कांग्रेस के बीच न होकर चतुष्कोणीय हो चुका है।

दोनों ही दलों से नाराज लोगों को साधने आम आदमी पार्टी के साथ निर्दलीय उम्मीदवार भी व्यापक प्रचार प्रसार में जुट गए हैं। आगामी 11 फरवरी को अध्यक्ष और पार्षद पदों के लिए मतदान होना है। इसके लिए भाजपा- कांग्रेस के प्रत्याशियों ने जनसंपर्क कर माहौल बना दिया है। वहीं अध्यक्ष पद के आप और निर्दलीय उम्मीदवार ने भी डोर-टू-डोर प्रचार कर भाजपा-कांग्रेस से ऊब चुके लोगों को साधने का प्रयास कर रहे हैं।

कांग्रेस- भाजपा में सीधा मुकाबला 

पिछले चुनावों की तरह इस बार भी मुकाबला सीधा-सीधा भाजपा और कांग्रेस के बीच ही दिखाई दे रही है। दोनों ही पक्ष जनबल और धनबल से मजबूत नजर आ रहे हैं। इन सबके साथ एक ओर भाजपा जहां कांग्रेस के बीते पांच साल के कार्यकाल को केवल उपलब्धिहीन बता नशा, भ्रष्टाचार और अतिक्रमण को संरक्षण देने का आरोप लगा रही है। वहीं कांग्रेस अपने कार्यकाल में हुए प्रमुख कामों को बता इसे आने वाले कई पीढ़ियों के लिए मिल का पत्थर बता कर वोट मांग रहे है।

चुनावी वादों में आमने- सामने हुए प्रत्याशी 

अध्यक्ष पद के लिए भारतीय जनता पार्टी ने ज्योति चंद्राकर को अपना उम्मीदवार बनाया है। ज्योति चंद्राकर अपने पहले के कार्यकाल के कामों के साथ ही विधायक अजय चंद्राकर के कामों को भी  गिनाकर मतदाताओं को अपने पक्ष में करने की कोशिश कर रही हैं। कांग्रेस प्रत्याशी तपन चंद्राकर भी छोटे-बड़े सभी के सुख दुःख में हमेशा खड़े होने की बात बता बीजेपी के 20 साल के कार्यालय की तुलना अपने पांच साल के कार्यकाल से कर रहे हैं।

चतुष्कोणीय हुआ मुकाबला 

दोनों के बीच पहली बार आम आदमी पार्टी ने अपना उम्मीदवार उतारा है। विनोद सचदेवा भाजपा-कांग्रेस दोनों को एक सिक्के के दो पहलू बता कर जनता के बीच जा रहे हैं। इतना ही नहीं कांग्रेस से पार्षद पद का टिकट लौटा अध्यक्ष के लिए किस्मत आजमा रहे योगेश चन्द्राकर उर्फ गुरुजी का कहना है कि, इस चुनाव  न पैसा न पौवा, सेवा में है दौवा कहकर वोट मांग रहे हैं।

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