रायपुर। रायपुर में पिछले छह वर्षों में यातायात नियमों का उल्लंघन करने वाले एक लाख 21 हजार से अधिक वाहन चालकों ने ई-चालान की राशि का भुगतान नहीं किया है। अब जुर्माना वसूलने यातायात पुलिस ऐसे चालकों के घर पर दस्तक देगी। इसके लिए जवानों की टीम बनाई गई है।
जुर्माने की रकम का भुगतान नहीं होने की स्थिति में वाहन को जब्त कर मामला लोक अदालत में पेश किया जाएगा। यातायात पुलिस के अधिकारियों ने बताया कि आईटीएमएस कैमरे की मदद से रोजाना नियम तोड़ने वाले वाहन चालकों का ई-चालान काटा जा रहा है, जिसका भुगतान करने के लिए अधिकांश वाहन चालक यातायात के दफ्तर नहीं पहुंचते।
रायपुर: 6 साल में 3,05,667 ई-चालान, 1,21,684 ने नहीं किया भुगतान
इस कारण हर साल लंबित ई-चालान की संख्या बढ़ रही है। विभाग से मिले आंकड़ों के अनुसार, पिछले छह वर्षों में कुल 3,05,667 ई-चालान जारी हुए, जिसमें से 1,83,983 वाहन चालकों ने जुर्माने की राशि जमा कर दी है।
1,21,684 चालकों ने भुगतान नहीं किया है। प्रमुख चौक-चौराहों पर रायपुर स्मार्ट सिटी लिमिटेड ने सीसीटीवी कैमरे लगाए हैं। नियमों तोड़ने वाले वाहन चालकों के खिलाफ ई-चालान फोटो के साथ रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर जारी किया जाता है।
नए मोटर यान अधिनियम में रेड लाइट जंप करने पर अब 300 की जगह दो हजार रुपये, लापरवाही पूर्वक वाहन चलाने पर एक हजार की जगह दो हजार रुपये और दूसरी बार उल्लंघन पर पांच हजार रुपये का जुर्माना वाहन चालक को देना होगा।
पुलिस ने जारी किया शिकायत नंबर
यातायात पुलिस की नई पहल पर आम लोगों द्वारा भेजे गए यातायात उल्लंघन के फुटेज पर भी ई-चालान जारी किया जा रहा है। यातायात पुलिस ने शिकायत करने के लिए व्हाट्सएप नंबर जारी किया है।
डीएसपी यातायात गुरजीत सिंह का कहना है कि शिकायतकर्ता का नाम और पता गोपनीय रखा जाएगा। कोई भी सिग्नल पर नियमों का उल्लंघन करता है तो वहां मौजूद कोई भी नागरिक फोटो खींचकर घटना की तारीख और समय लिखकर यातायात पुलिस रायपुर के व्हाट्सएप शिकायत नंबर 94791-91234 पर भेज सकता है।
कई लोगों के घरों के पते बदले, कुछ ने वाहनों को बेचा
पहले भी यातायात पुलिस ई-चालान की वसूली के लिए वाहन चालकों के घर दस्तक दे चुकी है। जब जवान पते पर पहुंचे थे, तब कई घरों के पते बदले हुए मिले। कोई दूसरी जगह शिफ्ट हो चुका था तो कोई शहर छोड़कर चला गया था। कई ऐसे नाम भी पुलिस को मिले हैं जिनके एक से अधिक ई-चालान जारी हुए थे। कई ने अपने वाहन ही बेच दिए थे, लेकिन नामांतरण नहीं किया था।