cg news: रीएजेंट पर बड़ा एक्शन : मोक्षित के दर्जनभर ठिकानों पर छापे, 660 करोड़ का मामला

भिलाई।cg news: अस्पतालों में रीएजेंट सप्लाई में गड़बड़ी के आरोप को लेकर निशाने पर रहे दुर्ग के मोक्षित कार्पोरेशन पर सोमवार तड़के ईओडब्ल्यू और एसीबी की टीम ने ताबड़तोड़ छापे मारे। अलग -अलग टीमों ने कार्पोरेशन के दुर्ग, रायपुर तथा हरियाणा के एक दर्जन ठिकानों में धावा बोला। रीएजेंट तथा मशीन उपलब्ध कराने वाली इस कंपनी द्वारा सप्लाई सामग्री की हरिभूमि की टीम ने पड़ताल कर प्रमुखता से खबर प्रकाशित की थी। विस में भी यह मामला उठा था। उसके बाद एसीबी, ईओडब्ल्यू ने 22 जनवरी को मोक्षित कार्पोरेशन के खिलाफ अपराध दर्ज किया था। छापे की कार्रवाई में एसपी तथा डीएसपी रैंक के अफसरों के अलावा छत्तीसगढ़ मोडिकल सर्विसेस के साथ संचालनालय, स्वास्थ्य विभाग के अफसर शामिल रहे।
दुर्ग, गंजपारा स्थित मोक्षित कार्पोरेशन के साथ जीई रोड स्थित सीबी कार्पोरेशन, हरियाणा स्थित पंचकुला के अलावा धरसीवा, तर्रा स्थित श्री शारदा इंडस्ट्रीज में एसीबी, ईओडब्लू की टीम ने पड़ताल की। एसीबी ने कंपनी के खिलाफ आईपीसी की धारा-409, 120बी तथा 13(1) ए, सहपठित धारा 13 (2), 7 (सी) भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा के तहत अपराध दर्ज किया है।
इलेक्ट्रानिक के साथ निवेश संबंधित दस्तावेज जब्त
cg news: एसीबी ने मोक्षित कार्पोरेशन से जुड़े लोगों के कार्यालय के साथ निवास में भी जांच की। इस दौरान जांच टीम ने कारोबारी के ठिकानों से लेन-देन संबंधित तथा माल आपूर्ति करने पूर्व में लिए गए टेंडर के दस्तावेज के साथ कई महत्वपूर्ण कागजात जब्त किए हैं। यहां से कई महत्वपूर्ण इलेक्ट्रॉनिक दस्तावेज मिलने का दावा भी किया जा रहा है।
ऐसे केंद्र में उपकरण भेजे जहां रखने की जगह नहीं आरोप है कि मोक्षित
कार्पोरेशन ने अपनी पहुंच के आधार पर अफसरों पर दबाव डालकर प्रदेश के 30 जिलों के साथ 750 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र तथा 170 स्वास्थ्य केंद्रों में रीएजेंट आपूर्ति करने का काम किया है। जिन स्वास्थ्य केंद्रों में रीएजेंट्स संरक्षित कर रखने की जगह नहीं थी, वहां भी सप्लाई करने का आरोप है।
660 करोड़ रुपए से ज्यादा का घोटाला
cg news: मोक्षित कार्पोरेशन की रीएजेंट तथा मशीन आपूर्ति कराने में गड़बड़ी का मामला विधानसभा में भी उठा था। रीएजेंट तथा मशीन आपूर्ति कराने वाली कंपनी के खिलाफ पांच साल में 660 करोड़ रुपए से ज्यादा के गड़बड़ी करने के आरोप हैं। यह भी आरोप है कि कंपनी ने मशीन तथा रीएजेंट मार्केट दर से सौ गुना ज्यादा में उपलब्ध कराने का काम किया है। जहां जरूरत नहीं थी, वहां सप्लाई करने से काफी नुकसान उठाना पड़ा है। रीजेंट्स एक्सपायर हो गए।
अन्य कंपनी टेंडर से बाहर हो जाती थी
मोक्षित कार्पोरेशन ने मार्च-अप्रैल 2023 में स्वास्थ्य केंद्रों में मशीन तथा रीएजेंट आपूर्ति करने का काम शुरू किया है। आरोप है, टेंडर प्रक्रिया में कोई दूसरी कंपनी शामिल न हो पाए इसलिए मोक्षित कार्पोरेशन पर शेल कंपनी बनाकर टेंडर लेने फार्म जमा किया जाता था। कोई अन्य कंपनी टेंडर में शामिल होता था, उस कंपनी को तकनीकी कारण बताकर टेंडर से बाहर कर दी जाती थी।
साढ़े आठ रुपए का उपकरण दो हजार में
cg news: ब्लड सैंपल लेने के काम आने वाला ट्यूब ईडीटीए बाजार में महज साढ़े आठ रुपए में मिलता है, लेकिन उस ट्यूब को मोक्षित कार्पोरेशन ने दो हजार 352 रुपए में उपलब्ध कराया था। इसी तरह सीबीसी मशीन जिसकी कीमत पांच लाख रुपए है, उस मशीन को मोक्षित कार्पोरेशन ने तीन गुना से ज्यादा कीमत 17 लाख रुपए में प्रदेश के अलग-अलग स्वास्थ्य केंद्रों में उपलब्ध कराने का काम किया है। रीएजेंट में तीन सौ करोड़ रुपए की गड़बड़ी करने के आरोप है।