CG – गुदड़ी के लाल : 3 आदिवासी युवा जापान में दिखाएंगे अपनी प्रतिभा, इंटरनेशनल एशिया कप सॉफ्ट बॉल मैच में हुआ चयन

रायपुर । छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित बस्तर के युवाओं में प्रतिभा और स्टेमना की कमी नहीं है, खेल जगत में भी नक्सल गढ़ के युवा अपनी प्रतिभा से देश दुनिया में नाम कमा रहे हैं, और राष्ट्रीय स्तर के साथ साथ अंतरराष्ट्रीय स्तर पर होने वाले खेलों में हिस्सा ले रहे हैं और बकायदा गोल्ड मेडल भी हासिल कर रहे हैं. हाल ही में अबूझमाड़ के 3 आदिवासी छात्रों ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हुए मलखम्भ प्रतियोगिता में गोल्ड मेडल भी हासिल किया है. वही अब बीजापुर जिले के नक्सल प्रभावित क्षेत्र के 3 छात्रों का चयन भी जापान में होने वाले अंडर- 18 एशिया कप में सॉफ्ट बॉल मैच के लिए हुआ है.

बीजापुर स्पोर्ट्स एकेडमी के ये तीनो छात्र भारत के टीम में प्रतिनिधित्व करने वाले हैं, दरअसल सॉफ्ट बॉल मैच में छत्तीसगढ़ से चार खिलाड़ियों का चयन हुआ है और इनमें से तीन खिलाड़ी बीजापुर के रहने वाले हैं, जिनमें से एक खिलाड़ी नक्सल हिंसा से पीड़ित हैं, बचपन में ही इस खिलाड़ी के मां- बाप नक्सल हिंसा में मारे गए, उसके बाद ये खिलाड़ी बीजापुर स्पोर्ट्स एकेडमी हॉस्टल में रहकर न सिर्फ बेहतर शिक्षा प्राप्त की है बल्कि अब अपने प्रतिभा के जरिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर होने वाले सॉफ्ट बॉल मैच में हिस्सा लेने जापान जा रहे हैं. तीनों खिलाड़ियों के अंतरराष्ट्रीय स्तर पर होने वाले सॉफ्टबॉल मैच में सलेक्शन होने पर जिले के कलेक्टर और विधायक ने खिलाड़ियों को शुभकामनाएं दी है.

भारत के टीम में हुआ तीनों का सलेक्शन
दरअसल बीजापुर जिले के आदिवासी छात्र राकेश कड़ती, सुशील कुड़िमय और त्रिलेश का जापान एशिया कप 2023 में सॉफ्ट बॉल मैच में चयन हुआ है. इसमें से राकेश कड़ती मूल रूप से बीजापुर के नक्सल प्रभावित आवापल्ली गांव का रहने वाला है. सुशील कुड़ियम भैरमगढ़ के अंदरूनी इलाके से है, वहीँ त्रिलेश मंगापेटा कुटरु का रहने वाला है जो वन रक्षक के पद पर पदस्थ है. इनमें से राकेश कड़ती के पिता को बचपन में ही नक्सलियों द्वारा मार दिया गया था और मां का भी देहांत हो गया था, 4 साल की उम्र में सीआरपीएफ के जवानों द्वारा बीजापुर में संचालित( टुमारो फाउंडेशन) बालगृह में सुपुर्द किया गया था, जहां उसने रहकर पढ़ाई के साथ-साथ खेल में अपने हुनर को उभारा, राकेश कड़ती ने बीजापुर स्पोर्ट्स अकैडमी में सॉफ्ट बॉल मैच में बेहतर प्रयास करते हुए अब तक 8 नेशनल गेम खेल चुका है और अलग-अलग मेडल भी हासिल किया है.

पढ़ लिखकर सॉफ्ट बॉल का कोच बनना चाहता है
राकेश कड़ती का कहना है कि वह पढ़ लिखकर सॉफ्ट बॉल का कोच बनना चाहता है और उसे काफी खुशी है कि उसका चयन भारत की टीम में हुआ है, वही सुशील कुड़ियम ने भी बीजापुर स्पोर्ट्स एकेडमी में सॉफ्टबॉल में अपनी प्रतिभा को उभारते हुए अब तक 5 नेशनल गेम खेल चुका है, और सुशील ने भी सिल्वर और गोल्ड मेडल हासिल किया है, इसके अलावा त्रिलेश के पिता का देहांत होने के बाद वह अनुकम्पा में वन विभाग में वनरक्षक के पद पर पदस्थ है और उसे बचपन से ही खेल के प्रति काफी रुचि है, 2017 में बीजापुर स्पोर्ट्स अकैडमी में सॉफ्ट बॉल मैच में अपनी प्रतिभा को उभारते हुए अब वह भी पहली बार भारत के टीम से प्रतिनिधित्व करते हुए इंटरनेशनल खेलने जा रहा है.

भारत के टीम में हुआ तीनों का सलेक्शन
दरअसल बीजापुर जिले के आदिवासी छात्र राकेश कड़ती, सुशील कुड़िमय और त्रिलेश का जापान एशिया कप 2023 में सॉफ्ट बॉल मैच में चयन हुआ है. इसमें से राकेश कड़ती मूल रूप से बीजापुर के नक्सल प्रभावित आवापल्ली गांव का रहने वाला है. सुशील कुड़ियम भैरमगढ़ के अंदरूनी इलाके से है, वहीँ त्रिलेश मंगापेटा कुटरु का रहने वाला है जो वन रक्षक के पद पर पदस्थ है. इनमें से राकेश कड़ती के पिता को बचपन में ही नक्सलियों द्वारा मार दिया गया था और मां का भी देहांत हो गया था, 4 साल की उम्र में सीआरपीएफ के जवानों द्वारा बीजापुर में संचालित( टुमारो फाउंडेशन) बालगृह में सुपुर्द किया गया था, जहां उसने रहकर पढ़ाई के साथ-साथ खेल में अपने हुनर को उभारा, राकेश कड़ती ने बीजापुर स्पोर्ट्स अकैडमी में सॉफ्ट बॉल मैच में बेहतर प्रयास करते हुए अब तक 8 नेशनल गेम खेल चुका है और अलग-अलग मेडल भी हासिल किया है.

पढ़ लिखकर सॉफ्ट बॉल का कोच बनना चाहता है
राकेश कड़ती का कहना है कि वह पढ़ लिखकर सॉफ्ट बॉल का कोच बनना चाहता है और उसे काफी खुशी है कि उसका चयन भारत की टीम में हुआ है, वही सुशील कुड़ियम ने भी बीजापुर स्पोर्ट्स एकेडमी में सॉफ्टबॉल में अपनी प्रतिभा को उभारते हुए अब तक 5 नेशनल गेम खेल चुका है, और सुशील ने भी सिल्वर और गोल्ड मेडल हासिल किया है, इसके अलावा त्रिलेश के पिता का देहांत होने के बाद वह अनुकम्पा में वन विभाग में वनरक्षक के पद पर पदस्थ है और उसे बचपन से ही खेल के प्रति काफी रुचि है, 2017 में बीजापुर स्पोर्ट्स अकैडमी में सॉफ्ट बॉल मैच में अपनी प्रतिभा को उभारते हुए अब वह भी पहली बार भारत के टीम से प्रतिनिधित्व करते हुए इंटरनेशनल खेलने जा रहा है.

सॉफ्ट बॉल मैच के कोच तूफान ने बताया कि तीनों ही खिलाड़ी में काफी हुनर है. आदिवासी युवा होने की वजह से बाकी खिलाड़ियों के मुकाबले इन युवाओं में स्टेमिना काफी ज्यादा है, साथ ही सॉफ्ट बॉल मैच में अपनी प्रतिभा का बेहतर प्रदर्शन करते हुए सभी ने नेशनल लेवल के प्रतियोगिता में हिस्सा लेकर मैडल हासिल किया है. वहीं अब यह पहला मौका है जब यहां के आदिवासी छात्र अंतरराष्ट्रीय स्तर पर होने वाले सॉफ्ट बॉल प्रतियोगिता में हिस्सा लेने जापान जा रहे हैं.

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