Coaching Centres: कोचिंग सेंटरों पर लगाम, भ्रामक विज्ञापनों पर लगेगी रोक…

CCPA Guidelines For Coaching Centres: भ्रामक विज्ञापनों और बेबुनियाद दावों से छात्रों को गुमराह करने वाले कोचिंग सेंटरों पर मोदी सरकार ने लगाम कसी है। केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (CCPA) ने कोचिंग सेंटरों के लिए नया दिशा-निर्देश जारी किया है। नए आदेश के जारी होने के बाद कोचिंग सेंटरों के भ्रामक विज्ञापनों पर तो रोक लगेगी ही। साथ ही छात्रों को गुमराह नहीं कर सकेंगे।

प्रस्तावित पाठ्यक्रम, उनकी अवधि, संकाय योग्यता, शुल्क और धनवापसी नीतियां, चयन दर, सफलता की कहानियां, परीक्षा रैंकिंग और नौकरी की सुरक्षा के वादे। शिक्षण संस्थानों में गारंटी एडमिशन या प्रमोशन इस प्रकार के सभी विज्ञापनों पर अब रोक लगा दी गई है। इससे कोचिंग संस्थानों को अपने बुनियादी ढांचे, संसाधनों और सुविधाओं के बारे में सटीक रूप से बताना होगा। बिना तत्व के आधार पर बढ़ा चढ़ा कर अब तारीफ नहीं कर सकेंगे।

विज्ञापनों में देनी होगी ये सभी जानकारियां

कोचिंग केंद्रों को विज्ञापन में छात्र की तस्वीर के साथ-साथ नाम, रैंक और कोर्स जैसी महत्वपूर्ण जानकारी देनी होंगी। साथ ये भी बताना होगा कि सफल छात्र ने उस कोर्स के लिए कितनी फीस दी थी। यह सारी जानकारी बड़े-बड़े अक्षरों में देनी होगी ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि छात्रों को बारीक प्रिंट से गुमराह न किया जाए।

छात्रों की इजजात के बिना उनका चेहरा नहीं कर सकेंगे इस्तेमाल

जब तक छात्रों की लिखित अनुमति नहीं होगी तब तक कोचिंग सेंटर उनके नाम फोटो या उनको मिले किसी भी तरह की सर्टिफिकेट को विज्ञापन में इस्तेमाल नहीं कर सकेंगे। ये सहमति भी छात्र से तब ली जाएगी जब एक बार उसका चयन किसी परीक्षा में हो चुका होगा। इसका मकसद छात्रों को एडमिशन के दौरान किसी भी तरह के पड़ने वाले दबाव से बचने का भी है।

सीटों की कमी, वक्त कम है आज ही ले दाखिला जैसे विज्ञापनों पर भी रहेगी नजर

कोचिंग सेंटर ऐसे विज्ञापनों को भी जारी करने से पहले पूरी पारदर्शिता बरतेंगे जिसमें छात्रों को कम सीट या कम समय की बात कहकर जल्द दाखिला लेने के लिए दबाव बनाने की कोशिश की जाती है। इस तरह के विज्ञापनों पर भी विशेष नजर रहेगी।

राष्ट्रीय उपभोक्ता हेल्पलाइन से होगा जुड़ना

हर कोचिंग सेंटर को राष्ट्रीय उपभोक्ता हेल्पलाइन से जुड़ना होगा। इससे छात्रों के लिए भ्रामक विज्ञापनों और अनुचित व्यापार के तौर-तरीकों के बारे में जानकारी देना या शिकायत दर्ज कराना आसान हो जाएगा।

नियन का उल्लंघन करने पर होगी कड़ी कार्रवाई

अगर कोई भी कोचिंग सेंटर इन दिशा-निर्देशों का उल्लंघन करता है तो उसके खिलाफ उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 2019 के प्रावधानों के तहत कार्रवाई कड़ी की जाएगी। केंद्रीय प्राधिकरण के पास दंड लगाने, जवाबदेही सुनिश्चित करने और इस तरह के भ्रामक तौर-तरीकों से होने वाली घटनाओं को रोकने सहित अपराधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का पूरा अधिकार रहेगा। इन दिशा निर्देशों का मकसद छात्रों के शोषण को रोकने और यह सुनिश्चित करने का है कि छात्रों को झूठे वादों और झूठे प्रचारों की सहायता से गुमराह न किया जाए या फिर छात्रों के ऊपर कोचिंग संस्थान का प्रचार करने का अनुचित दबाव न डाला जा सके।

समिति का गठन किया गया था गठन

इस दिशा-निर्देश की तैयारी के लिए एक समिति का गठन किया गया था। इसमें केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण, कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग, शिक्षा मंत्रालय, लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासन अकादमी, राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय (एनएलयू) दिल्ली, लॉ फर्म और उद्योग संगठनों के प्रतिनिधि शामिल थे। समिति ने ये फैसला लिया है कि कोचिंग सेंटरों की ओर से जारी किए जाने वाले विज्ञापनों में कोई भी ऐसा दावा नहीं होना चाहिए, जिससे छात्र गुमराह हों। अब इन दिशा-निर्देशों का पालन सभी कोचिंग सेंटरों के लिए अनिवार्य होगा। अगर कोई कोचिंग सेंटर इन नियमों का उल्लंघन करता है, तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button