दांपत्य जीवन में बढ़ रही है कड़वाहट, क्या आप गलत दिशा में तो नहीं सो रहे

अगर आपके जीवन में पार्टनर को समय देने की बुनियादी जरूरत धीरे-धीरे बाधित होने लगी है या आपके साथी का आपके प्रति आकर्षण कम होने लगा है। तब यह वास्तव में चिंता का विषय है। कई मामलों में वैवाहिक जीवन की मिठास समय से पहले खो जाती है। इसका कारण आपके या पार्टनर की शारीरिक समस्या ही नहीं बल्कि का वास्तु दोष भी हो सकता है। ऐसे में घर में शयनकक्ष और सोते समय अपनी मुद्रा की जांच करें, क्योंकि वास्तु दोष सुखी वैवाहिक जीवन को बिगाड़ सकता है।

वास्तु शास्त्र का शादी से गहरा संबंध है। आइए जानते हैं कि वास्तु किस प्रकार वैवाहिक जीवन को प्रभावित कर सकता है और रिश्तों को बेहतर बनाने के लिए किन वास्तु टिप्स का पालन करें।

वास्तु शास्त्र के अनुसार, उत्तर-पश्चिम-उत्तर दिशा का संबंध सुखी वैवाहिक जीवन से है। इस दिशा में नवविवाहित जोड़े का बिस्तर होना चाहिए। यह दांपत्य जीवन को मधुरता और संतुष्टि से भर देता है।

वास्तु शास्त्र के अनुसार, उत्तर दिशा की ओर सिर करके सोने से वैवाहिक जीवन प्रभावित होता है। साथ ही स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं पैदा हो सकती हैं। अगर कोई पति-पत्नी एक साथ उत्तर की ओर सिर करके सोते हैं, तो सुबह उन्हें अधिक थकान महसूस होती है। ऐसा मुख्य रूप से चुंबकीय तरंगों के कारण होता है, जो वैवाहिक जीवन को प्रभावित करता है।

वास्तु शास्त्र के अनुसार, दक्षिण दिशा की ओर सिर करके सोने से आपसी रिश्ते गहरे होते हैं। साथ ही दांपत्य जीवन में उत्साह बढ़ता है।

वहीं, दांपत्य जीवन का भरपूर आनंद लेने के लिए पति-पत्नी को घर की दक्षिण-पश्चिम दिशा में सोना चाहिए। अगर आपके घर का उत्तर-पूर्व दिशा दोषपूर्ण है तो संतान प्राप्ति में परेशानी आ सकती है।

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