छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव 2023 को शून्य घोषित करने के लिए हाईकोर्ट में याचिका दायर
बिलासपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव 2023 को शून्य घोषित करने के लिए हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई है। याचिका में आरोप लगाया गया है कि चुनाव में मतदाताओं को लुभाने के लिए कांग्रेस-भाजपा दोनों दलों ने लोक-लुभावने वादे किए हैं जो आदर्श आचार संहिता का खुला उल्लंघन है।
रायगढ़ विधानसभा क्षेत्र के निर्दलीय प्रत्याशी और सामाजिक कार्यकर्ता राधेश्याम शर्मा ने हाईकोर्ट में याचिका प्रस्तुत करते हुए कहा है कि केंद्रीय और राज्य चुनाव आयोग के संरक्षण में मतदाताओं को प्रलोभन देने का खुला खेल खेला गया है। इसके लिए चुनाव आयोग के आयुक्त पर भी आपराधिक मामला दर्ज किया जाए। याचिका में उन्होंने बताया कि उन्होंने रायगढ़ से बतौर निर्दलीय प्रत्याशी विधानसभा चुनाव लड़ा, जिसमें उन्हें बेबी वॉकर चुनाव चिन्ह आवंटित किया गया था। विधानसभा चुनाव 2023 के लिए केंद्रीय चुनाव आयोग ने जिस दिन अधिसूचना जारी की, उसी दिन से राज्य में आदर्श आचार संहिता लागू हो गई।
कांग्रेस और भाजपा जैसे प्रमुख राजनीतिक दलों ने आचार संहिता लागू होने के बाद भी मतदाताओं को लुभाने के लिए कर्जमाफी, बेरोजगारों को रोजगार देने, महिला स्वसहायता समूह की कर्ज माफी, महिलाओं को मुफ्त में गैस सिलेंडर सहित आर्थिक प्रलोभन देने वाली कई घोषणाएं की हैं जो चुनाव आयोग के दिशा-निर्देशों का उल्लंघन है। याचिकाकर्ता ने याचिका में चुनाव आयोग के दिशानिर्देशों का उल्लेख करते हुए कहा है कि केंद्रीय और राज्य चुनाव आयोग के संरक्षण में दोनों राजनीतिक दलों ने लोक लुभावन घोषणा पत्र जारी किया है। इससे स्वस्थ मतदान प्रक्रिया संभव नहीं है।