Bilaspur High Court News: हाई कोर्ट ने एट्रोसिटी एक्ट को लेकर सुनाया महत्वपूर्ण फैसला

Bilaspur High Court News: बिलासपुर। हाई कोर्ट ने एक महत्वपूर्ण फैसले में कहा है कि अनुसूचित जाति- जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम के तहत अपराध तभी कायम रह सकता है, जब यह सिद्ध हो कि आरोपी ने यह जानते हुए अपराध किया कि पीड़ित एससी या एसटी समुदाय से है। चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा व जस्टिस रवींद्र कुमार अग्रवाल की डिवीजन बेंच ने एक आपराधिक अपील को आंशिक रूप से स्वीकार करते हुए यह फैसला सुनाया। गौरेला-पेंड्रा-मरवाही जिले के प्रमोद उर्फ नान्हू तिवारी ने हाई कोर्ट में अपील दायर की थी। उन्होंने यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण (पॉक्सो) अधिनियम और एससी-एसटी (अत्याचार निवारण) अधिनियम सहित कई अपराधों के तहत विशेष न्यायाधीश द्वारा दी गई सजा को चुनौती दी थी।