सीजीएमएससी घोटाले के आरोपियों को बड़ा झटका : हाईकोर्ट ने चारों आरोपियों की अग्रिम जमानत याचिका की खारिज

बिलासपुर। छत्तीसगढ़ के सीजीएमएससी घोटाले में चार आरोपियों को हाईकोर्ट ने बड़ा झटका दिया है। कोर्ट ने चारों आरोपियों की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी है। इन चारों पर बिना जरुरत के करीब 411 करोड़ के मेडिकल उपकरण की खरीदी के आरोप हैं। एसीबी-ईओडब्लू ने मोक्षित कार्पोरेशन, रिकॉर्ड्स और मेडिकेयर सिस्टम, श्री शारदा इंडस्ट्रीज, सीबी कार्पोरेशन के खिलाफ ऍफ़आईआर दर्ज की है।

बीते महीने ईओडब्लू ने किया था गिरफ्तार  

उल्लेखनीय है कि, बीते महीने ईओडब्लू ने रीजेंट खरीदी मामले में दो महाप्रबंधक और एक उप संचालक को हिरासत में लिया था। जिसके बाद बसंत कौशिक, डॉ अनिल परसाई, शिरौंद्र रावटिया, कमलकांत पाटनकर और दीपक बांधे को एजेंसी ने विशेष कोर्ट में पेश किया। जहां कोर्ट ने उन्हें 28 मार्च तक ईओडब्लू की हिरासत में भेज दिया है।

इन धाराओं के तहत केस हुआ दर्ज 

मोक्षित कार्पोरेशन ,सीबी कॉरपोरेशन, रिकार्डर्स एवं मेडिकेयर सिस्टम, एचएसआईआईडीसी, एवं श्री शारदा इन्डस्ट्रीज के साथ आपराधिक षडयंत्र कर पूल-टेंडरिंग कर, स्वास्थ्य विभाग में उपयोग होने वाले रीएजेंट एवं मशीन की बाजार मूल्य से अधिक कीमत पर विक्रय कर शासन को आर्थिक क्षति पहुंचाये जाने के संबंध में ब्यूरो में दर्ज अपराध क्रमांक-05/2025, धारा-409, 120बी भादवि एवं धारा 13 (1) ए, सहपठित धारा 13(2), 7 (सी) भ्र.नि.अ. 1988 संशोधित अधिनियम 2018 में बसंत कुमार कौशिक (तत्कालीन प्रभारी महा प्रबंधक उपकरण एवं उप प्रबंधक कय एवं संचालक)., छिरोद रौतिया (तत्कालीन बायो मेडिकल इंजीनियर), कमलकांत पाटनवार (तत्कालीन उप प्रबंधक उपकरण), डॉ. अनिल परसाई (तत्कालीन डिप्टी डायरेक्टर स्टोर) एवं दीपक कुमार बंधे (तत्का. बायो मेडिकल इंजीनियर), को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया गया।

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