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छत्तीसगढ़ में यूरिया की बड़ी कालाबाजारी, केंद्र सरकार ने 880 खाद दुकानों की जांच के दिए निर्देश, 1 सप्ताह में मांगी रिपोर्ट

रायपुर : छत्तीसगढ़ में यूरिया की कालाबाजारी का बड़ा खुलासा हुआ है. केंद्र सरकार के केमिकल और उर्वरक मंत्रालय ने छत्तीसगढ़ की सरकार को पत्र लिखकर कहा है कि छत्तीसगढ़ के 880 खाद दुकानों में यूरिया की अधिक बिक्री हुई है. इसकी जांच की जाए और एक सप्ताह के भीतर जांच रिपोर्ट से मंत्रालय को अवगत कराया जाए.

भारत सरकार की एक केमिकल और उर्वरक मंत्रालय के अवर सचिव अनिता सी मेश्राम ने छत्तीसगढ़ के कृषि विभाग के आयुक्त शहला निगार को एक पत्र लिखा है. पत्र में कहा गया है कि छत्तीसगढ़ के खाद दुकानों में 2024-25 की तुलना में वर्ष 2025-26 में अब तक यूरिया की बिक्री कई गुना अधिक हुई है, जो काफी चिंताजनक है. इसकी जानकारी मंत्रालय को पॉस मशीन के माध्यम से मिली है. यही वजह है कि सरकार को कालाबाजारी की आशंका हो रही है, और राज्य सरकार को जांच के लिए लिखा गया है.

केंद्र सरकार ने 880 खाद दुकानों की जांच के दिए निर्देश

इस पर कृषि विभाग के संचालनालय से जिले के सभी उप संचालक कृषि को एक पत्र जारी किया गया है और कहा गया है कि अपने-अपने जिले के खाद दुकानों की जांच करें, यह जांच एक सप्ताह के भीतर पूरी करनी है और उसके बाद रिपोर्ट सरकार को भेजनी है जांच में देखा जाना है कि आखिर दुकानदारों के द्वारा जिन किसानों को यूरिया बेचने की जानकारी पास मशीन के माध्यम से दी गई है क्या वाकई में किसानों को यूरिया की उतनी मात्रा बेची गई है या नहीं, क्योंकि देखने में आया है कि छत्तीसगढ़ के उत्तरी इलाके के अंबिकापुर शहर में कई दुकानदार किसानों को यूरिया की बोरी जितना बेचते हैं उससे अधिक मात्रा में पीओएस मशीन में दर्ज कर उनसे अंगूठा लगवा लेते हैं. इसके बाद अंतर का यूरिया ब्लैक बाजार में भेज देते हैं.

छत्तीसगढ़ में 880 खाद दुकानों की जांच की जानी है और ऐसे दुकानों की सूची केंद्र सरकार ने ही जारी की है. यह जांच कृषि विभाग के उपसंचालक की निगरानी में फर्टिलाइजर इंस्पेक्टर करेंगे हालांकि इससे पहले भी केमिकल और फर्टिलाइजर मिनिस्ट्री ने यूरिया की अत्यधिक बिक्री और उपयोग को लेकर चिंता जाहिर की थी लेकिन उसके बावजूद यूरिया की कालाबाजारी पर कृषि विभाग कोई बड़ी कार्रवाई नहीं कर सका है.

अंबिकापुर में खाद माफिया के खिलाफ नोटिस तक की कार्रवाई

यूरिया की कालाबाजारी को रोकने के लिए अंबिकापुर में अब तक किसी भी बड़े खाद व्यापारी के खिलाफ जांच के बाद बड़ी कार्रवाई नहीं की गई है, सिर्फ नोटिस जारी कर किसी विभाग के अधिकारी अपना कर्तव्य पूरा करते आ रहे हैं, जबकि कृषि विभाग ने पहले भी साफ तौर पर निर्देश जारी किया हुआ है कि अगर अवैध तरीके से खाद की कालाबाजारी, अत्यधिक रेट पर खाद की बिक्री या भंडारण में गड़बड़ी पाया जाता है तो लाइसेंस निरस्त किया जाए और ऐसे खाद माफिया और व्यापारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई जाए लेकिन अब तक अंबिकापुर में कृषि विभाग की अधिकारियों की लापरवाही और मिली भगत की वजह से खाद माफिया के खिलाफ अपराध दर्ज नहीं कराया गया है.

बड़े खाद दुकानों की टीम बनाकर भौतिक सत्यापन की जरूरत

हैरानी की बात है कि दिखावे के लिए अंबिकापुर में फर्टिलाइजर के अधिकारी दुकानों को नोटिस जारी करते हैं लेकिन पॉस मशीन में जितना यूरिया भंडारित बताया जाता है क्या गोदाम में उतना खाद है या उससे कम है, इसकी भी जांच भौतिक से नहीं की जा रही है. अब देखने वाली बात होगी कि केंद्र सरकार के इस कडाई के बाद जिले में अफसर खाद माफिया के खिलाफ क्या कार्रवाई करते हैं और सरकार को क्या रिपोर्ट भेजते हैं.

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