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Bharatmala scam: विधानसभा में गूंजा एसडीएम के बाद अब तहसीलदार सस्पेंड

रायपुर। Bharatmala scam: प्रदेश में भारत माला प्रोजेक्ट के तहत रायपुर-विशाखापट्टनम तक बन रहे इकोनॉमिक कॉरिडोर में जमीन अधिग्रहण के बाद मुआवजा में फर्जीवाड़ा करने वाले अधिकारियों पर राज्य शासन ने जांच रिपोर्ट आने के आठ माह बाद एक्शन प्रारंभ कर दिया है। मामले में तत्कालीन एसडीएम निर्भय साहू के बाद अब तत्कालीन तहसीलदार शशिकांत कुरें को भी निलंबित कर दिया गया। बताया गया है कि मुआवजा बांटने के नाम पर अधिकारियों ने पैसों की बंदरबाट की। कई जमीनों का खसरा बदल दिया गया। कुछ जगहों पर पूर्व खसरे पर राशि का भुगतान कर दिया गया। अफसरों ने दस्तावेजों में हेर-फेर कर भू-माफिया की मदद से करोड़ों  रुपए की अफरातफरी की थी अभनपुर के ग्राम नायकबांधा और उरला में भू-माफिया ग्राम नायकबांधा और उरला में भू-माफिया ने राजस्व अधिकारियों के साथ मिलकर जमीन को छोटे-छोटे टुकड़ों में काटकर 159 खसरा बांट दिया। इसमें मुआवजा के लिए 80 नए नाम रिकॉर्ड में चढ़ा दिए गए। इससे मुआवजा राशि 29.5 करोड़ से बढ़कर 78 करोड़ पहुंच गई।

Bharatmala scam: इस प्रकार 43 करोड़ रुपए का घोटाला करने का मामला सामने आया था। मामले में राज्य शासन को 8 अगस्त 2022 को कृष्ण कुमार साहू और हेमंत देवांगन ने शिकायत की थी कि भारत माला परियोजना के तहत रायपुर विशाखापट्नम इकोनॉमिक कॉरिडोर के लिए अधिग्रहित की गई जमीन का मुआवजा बांटने के नाम पर अधिकारियों ने पैसों की बंदरबाट की। उनकी जमीन का खसरा बदल दिया गया। पूर्व खसरे पर उस राशि का भुगतान दिख रहा है। शिकायत के बाद रायपुर कलेक्टर को जांच करने के निर्देश जारी किए गए। शासन के निर्देश पर कलेक्टर ने कमेटी बनाकर जांच कराई। अभनपुर इलाके में पदस्थ तत्कालीन अधिकारियों ने जमीनों के खसरों में हेरफेर करके संबंधित इलाके में 29.5 करोड़ की जगह 78 करोड़ का भुगतान कर दिया। मुआवजा घोटाले की जांच रिपोर्ट शासन को जुलाई 2024 में भेज दी गई थी, जिसमें घोटाले की पुष्टि की थी।

246 करोड़ का मुआवजा बंटा 

Bharatmala scam: अभनपुर के ग्राम नायकबांधा और उरला में भू-माफिया ने राजस्व अधिकारियों के साथ मिलकर जमीन को छोटे टुकड़ों में काटकर 159 खसरे में बांट दिया। मुआवजा के लिए 80 नए नाम रिकॉर्ड में चढ़ा दिया गया। जिससे 559 मीटर जमीन की कीमत करीब 29.5 करोड़ से बढ़कर 78 करोड़ रुपए पहुंच गई। अभनपुर में 9.38 किलोमीटर के लिए 324 करोड़ मुआवजा राशि निर्धारित की गई। इसमें से 246 करोड़ रुपए मुआवजा दिया जा चुका है। वहीं 78 करोड़ रुपए का भुगतान अभी रोक दिया गया है।

सर्वे के ठीक पहले ही जमीन का बंटवारा 

Bharatmala scam: जांच टीम ने अभनपुर इलाके में पदस्थ अधिकारियों ने बैक डेट में जाकर दस्तावेजों में गड़बड़ी की और जमीन मालिक को नुकसान पहुंचाया। इसका खुलासा इस बात से अफसरों ने किया कि अभनपुर के ग्राम नायक बांधा और उरला में चार एकड़ जमीन जो सर्वे से पहले एक परिवार के पास थी, वो सर्वे होने के ठीक कुछ दिन पहले एक ही परिवार के 14 लोगों के नाम पर बांट दी गई। इसके बाद एक ही परिवार के सदस्यों को 70 करोड़ रुपए मुआवजा का भुगतान कर दिया गया। अधिकारियों ने तत्कालीन अफसरों की सीधा जिक्र अपनी जांच रिपोर्ट में किया है।

भारतमाला प्रोजेक्ट रायपुर में 48.73 किलोमीटर होगी 

Bharatmala scam: भारतमाला प्रोजेक्ट के तहत मुंबई-कोलकाता इकोनामिक कारीडोर सड़क पर दुर्ग-रायपुर बाइपास का निर्माण किया जाना है। चार और छह लेन की यह सड़क छत्तीसगढ़ में कुल 92.230 किमी लंबाई की होगी। यह सड़क राजनांदगांव जिले के टेडेसरा गांव से शुरू होकर रायपुर जिले के पारागांव में समाप्त होगी। रायपुर जिले में सड़क की कुल लंबाई 48.73 कि.मी. होगी। सड़क में अभनपुर अनुभाग के  17 और आरंग संभाग के दो गांव की भूमि का अर्जन किया गया है।

भारतमाला प्रोजेक्ट का जवाब आधे घंटे पहले मिलने पर बिफरे महंत 

Bharatmala scam: छत्तीसगढ़ विधानसभा में भारतमाला परियोजना में प्रभावितों को मुआवजा में गड़बड़ी मामले में नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरण दास महंत ने अध्यक्ष के निर्देश के बावजूद प्रश्न का उत्तर आधे घंटे पहले मिलने पर आपत्ति जताई। उन्होंने व्यवस्था पर प्रश्न उठाते हुए कहा, मुझे प्रश्न का उत्तर अभी आधे घंटे पहले मिला, इसे इतनी देर में पढ़ा भी नहीं जा सकता। यह पिछले हफ्ते का प्रश्न था, जिसे आज के लिए लेना तय 17 और आरंग संभाग के दो गांव की भूमि का अर्जन किया गया है। पूर्व मंत्री और भाजपा विधायक अजय चंद्राकर ने भी इसे व्यवस्था का प्रश्न बताते हुए नेता प्रतिपक्ष का साथ दिया। मामले में आसंदी से विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने कहा, यह अत्यंत खेदजनक है। संसदीय कार्य मंत्री को निर्देशित करता हूं कि सभी अधिकारियों को निर्देशित करें कि सर्वोच्च प्राथमिकता पर रखकर उत्तर मुहैया कराया जाए। साथ ही इसे अगले हफ़्ते के पहले प्रश्न के तौर पर लिए जाएगा। अध्यक्ष की व्यवस्था के बाद अब इस सवाल को दूसरी बार अगले सप्ताह के लिए लिया गया है।

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