बस्तर दशहरा पर्व: द बस्तर मड़ई में बिखरेगी बहुरंगी कला-संस्कृति की छटा, 15 अक्तूबर को मुरिया दरबार का आयोजन

जगदलपुर : मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने अपने निवास कार्यालय में 75 दिन तक मनाये जाने वाले देश के ऐतिहासिक बस्तर दशहरा पर्व के सफल आयोजन के संबंध में समीक्षा बैठक की। इस दौरान बस्तर दशहरा पर्व की गरिमा के अनुरूप सफलतापूर्वक आयोजन के लिए सर्व संबंधितों को सौंपे गए दायित्व का कुशलतापूर्वक निर्वहन किये जाने के निर्देश दिए। उल्लेखनीय है कि 75 दिन तक चलने वाला बस्तर दशहरा पर्व हरेली अमावस्या के दिन पाट जात्रा पूजा विधान के साथ 4 अगस्त से शुरू हो चुका है, जो कि 19 अक्तूबर तक मनाया जाएगा। यह दशहरा पर्व विभिन्न जनजातीय समुदायों की सांस्कृतिक एवं आध्यात्मिक भावना का महत्वपूर्ण प्रतीक है।

समीक्षा बैठक के दौरान सीएम साय को बस्तर दशहरा उत्सव समिति द्वारा इसमें तिथिवार विभिन्न कार्यक्रमों के आयोजन के विषय में विस्तार से जानकारी दी गयी। इसमें बताया गया कि ऐतिहासिक बस्तर दशहरा पर्व के दौरान 15 अक्तूबर को मुरिया दरबार का आयोजन होगा। इसी तरह बस्तर दशहरा को भव्य रूप देने के लिए बस्तर मड़ई, सोशल मीडिया इंफ्लुएंसर्स मीट, एक पेड़ बस्तर के देवी-देवताओं के नाम, बस्तर टूरिस्ट सर्किट, दसरा पसरा, नगरगुड़ी टेंट सिटी, टूरिज्म ट्रेवलर्स ऑपरेटर मीट, देव सराय, स्वच्छता पखवाड़ा जैसे विविध कार्यक्रमों का भी आयोजन किया जाएगा।

बस्तर दशहरा पर्व में लोगों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए विशेष यात्री बसों के संचालन के सम्बंध में भी चर्चा की गई। 4 अगस्त को पाट जात्रा पूजा विधान से शुरू हुए ऐतिहासिक बस्तर दशहरा पर्व के अंतर्गत 2 अक्तूबर को काछनगादी पूजा विधान, रेलामाता पूजा विधान, 5 अक्तूबर से 10 अक्तूबर तक प्रतिदिन नवरात्रि पूजा विधान, रथ परिक्रमा पूजा विधान, 12 अक्टूबर को मावली परघाव विधान, 15 अक्टूबर को काछन जात्रा पूजा विधान और मुरिया दरबार, 16 अक्तूबर को कुटुम्ब जात्रा पूजा विधान, 19 अक्तूबर को मावली माता जी की डोली की विदाई पूजा विधान आयोजित है।

क्या है मुरिया दरबार

मुरिया दरबार में विभिन्न जनजातीय समुदायों के प्रमुख, नेता और प्रशासनिक अधिकारी मिलकर संस्कृति, परंपरा और प्रथाओं को सहेजने और सामुदायिक मांग तथा समस्याओं पर विचार करते हैं। इस वर्ष 15 अक्टूबर को मुरिया दरबार का आयोजन किया जायेगा। मुरिया दरबार आयोजन के 10 दिन बाद बस्तर संभाग के मांझी, चालकी, मेम्बर, मेम्बरीन, पुजारी, कोटवार, पटेल, मातागुड़ी के मुख्य पुजारियों का सम्मेलन आयोजित किया जाना प्रस्तावित है।

‘द बस्तर मड़ई’ की अवधारणा तैयार की गई

ऐतिहासिक बस्तर दशहरा पर्व के अवसर पर जिला प्रशासन द्वारा कई अभिनव पहल की जा रही है। द बस्तर मड़ई के अंतर्गत बस्तर की प्राकृतिक सौन्दर्य, ऐतिहासिक एवं पुरातत्विक स्थलों, एडवेंचर स्थलों, सांस्कृतिक स्थलों से पर्यटकों को अवगत कराने के लिए प्रशासन द्वारा “द बस्तर मड़ई” की अवधारणा तैयार की गई है। बस्तर मड़ई के अंतर्गत 21 सितंबर को सामूहिक नृत्य कार्यक्रम, 21 सितंबर से 1 अक्तूबर तक बस्तर हाट-आमचो खाजा, 24 सितंबर को सिरहासार परिसर मैदान में बस्तर नाचा, 27 सितंबर को पारंपरिक लोक संगीत, 29 सितंबर को बस्तर की कहानियां एवं हास्य कवि सम्मेलन, 30 सितंबर को बस्तरिया नाचा जैसे कई महत्वपूर्ण कार्यक्रमों का आयोजन होगा। 2 अक्तूबर से बस्तर दशहरा की समाप्ति तक बस्तर के पारंपरिक व्यंजन के स्टॉल लगाए जाएंगे।

इस अवसर पर वन मंत्री केदार कश्यप, सांसद महेश कश्यप तथा विधायक जगदलपुर किरण सिंहदेव व सुश्री लता उसेंडी और मुख्य सचिव अमिताभ जैन तथा मुख्यमंत्री के सचिव पी दयानन्द,  बसवराजू एस, राहुल भगत और सचिव अन्बलगन पी, आयुक्त बस्तर डोमन सिंह, बस्तर कलेक्टर विजय दयाराम, एसपी शलभ सिन्हा उपस्थित रहे।

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