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पीपल पेड़ के नीचे बजरंगी करते हैं न्याय, फैसला सभी को मान्य

श्री बजरंग पंचायत मंदिर बिलासपुर छत्तीसगढ़ में पीपल पेड़ के नीचे विराजे बजरंगी के पास लोग आपसी विवाद का फैसला कराने आते हैं। निर्णय चाहे जो भी हो, दोनों पक्ष इसे हनुमानजी की मर्जी मानकर स्वीकार कर लेते हैं।

पिछले 81 साल से यह अनूठी परंपरा न्यायधानी के मगरपारा स्थित बजरंगी पंचायत मंदिर में चली आ रही है। सुखरू नाई ने पीपल के पेड़ के नीचे बने चबूतरे में हनुमानजी की छोटी सी प्रतिमा स्थापित की थी। पंचायत सदस्यों और भक्तों के सहयोग से से धीरे-धीरे मंदिर ने आकार लेना शुरू किया।

वर्ष 1983 में मंदिर ने भव्य रूप ले लिया। अधिवक्ता वासुदेव शर्मा ने बताते हैं कि वे हमेशा दर्शन के लिए आते हैं। घर में कोई मांगलिक या वैवाहिक कार्यक्रम हो या फिर गृह प्रवेश, दुकान या कंपनी का शुभारंभ, नव-वधु का गृह प्रवेश सबसे पहले भक्त यहां आशीर्वाद लेने आते हैं।

ऐसे होता है फैसला

मंदिर की स्थापना के समय से आसपास किसी भी प्रकार की समस्या पर चौपाल लगाकर हनुमानजी को साक्षी मानकर निर्णय लिया जाता है। आज भी यह परंपरा चली आ रही है। हनुमानजी को साक्षी मानकर पंचायत (समिति) फैसला करती है और हर कोई इसे रामभक्त हनुमान का फैसला समझकर स्वीकार करता है।

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