भोपाल : पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का सपना साकार होने जा रहा है। 25 दिसंबर को पीएम मोदी छतरपुर में केन-बेतवा लिंक परियोजना और 17 दिसंबर को जयपुर में पार्वती-कालीसिंध-चंबल लिंक परियोजना का शिलान्यास करेंगे। नदियों को आपस में जोड़कर सिंचाई रकबा बढ़ाने की परिकल्पना अटल जी ने प्रधानमंत्री रहते देखी थी।
मोदी सरकार के इन महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट से एमपी-यूपी और राजस्थान को फायदा होगा। एमपी में 14 लाख हेक्टेयर से अधिक कृषि भूमि सिंचित होगी। साथ ही 5230 गांवों में पेयजल सुविधा सुगम होगी।
पार्वती-कालीसिंध-चंबल लिंक परियोजना
पार्वती-कालीसिंध-चंबल लिंक परियोजना से मालवा और चंबल का 6 लाख 13 हजार 520 हेक्टेयर का एरिया सिंचित होगा। 40 लाख आबादी को पेयजल सुविधा मिलेगी।
जल संसाधन मंत्री सिलावट ने बताया, 60 वर्ष पुरानी चंबल दाईं मुख्य नहर और वितरण-तंत्र प्रणाली दुरुस्त होने से भिंड, मुरैना और श्योपुर के 1205 गांवों में 3 लाख 62 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में पानी उपलब्ध होगा।
पार्वती-कालीसिंध-चंबल लिंक परियोजना से भिंड मुरैना, गुना, शिवपुरी, श्योपुर, उज्जैन, सीहोर, मंदसौर, इंदौर, देवास, आगर मालवा, शाजापुर और राजगढ़ जिलों के 3217 गांव लाभान्वित होंगे।
केन-बेतवा लिंक परियोजना
केन-बेतवा लिंक परियोजना के तहत दौधन गांव में डैम बनाकर केन नदी का पानी बेतवा नदी में छोड़ा जाएगा। इस प्रोजेक्ट से एमपी के 8 लाख 11 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई होगी। 221 किमी लंबी लिंक कैनाल बनाई जाएगी। दोनों ओर के किसान सिंचाई फसलों की कर सकेंगे।
केन-बेतवा लिंक परियोजना से पन्ना, छतरपुर, दमोह, टीकमगढ़, शिवपुरी, निवाड़ी, दतिया रायसेन, विदिशा और सागर जिलों के 2013 गांव लाभान्वित होंगे।
केन-बेतवा लिंक परियोजना से मध्य प्रदेश की 44 लाख आबादी को पेयजल सुविधा मिलेगी। साथ ही 103 मेगावॉट जल विद्युत और 27 मेगावाट सोलर विद्युत का उत्पादन किया जाएगा।
जिलों में नदी जोड़ने का कार्य
मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा, जिला स्तर पर भी नदी जोड़ो अभियान चलाएंगे। ताकि, हर खेत तक सिंचाई के लिए पर्याप्त पानी पहुंच सके। उज्जैन में शुरुआत कर दी है। यहां डक्ट बनाकर कान्ह और गंभीर नदी को जोड़ रहे हैं। सीवरखेड़ी-सिलारखेड़ी परियोजना भी शुरू हो रही है। इस दिशा में निरंतर कार्य करेंगे।
जन-जागरण अभियान
अपर मुख्य सचिव राजेश राजौरा ने बताया, 25 दिसंबर तक जन-जागरण अभियान चलाया जाएगा। गांव में कलश-यात्रा, प्रभात फेरी, किसान सम्मेलन, नुक्कड़ नाटक, और भजन कार्यक्रम के जरिए जल का महत्व समझाया जाएगा। स्कूल कॉलेज में भी प्रतियोगिताएं कराई जाएंगी। भूमि-पूजन शिलान्यास कार्यक्रमों सीधा प्रसारण पंचायत स्तर पर होगा।