अमेरिका ने चीन को दिया एक और झटका, ड्रग तस्करी के लिए जिम्मेदार दवा कंपनियों पर लगाया प्रतिबंध
वॉशिंगटन : अमेरिका और चीन के रिश्तों में तनाव बना हुआ है। हाल के समय में अमेरिका की सरकार ने कई ऐसे कदम उठाए हैं, जिनसे चीन को झटका लगा है। अब ताजा कदम के अनुसार, अमेरिका ने चीन की कई दवा कंपनियों पर प्रतिबंध लगाने का एलान कर दिया है। बता दें कि चीन स्थित ये कंपनियां उन रसायनों का उत्पादन और वितरण करती हैं, जो खतरनाक नशीला पदार्थ फेंटेनिल को बनाने में इस्तेमाल होता है। अमेरिका में हाल के सालों में फेंटेनिल ड्रग से हजारों युवाओं की मौत हुई है और अमेरिका में बड़ी संख्या में युवा नशे के आदी हो रहे हैं।
चीन के खिलाफ अमेरिका की बड़ी कार्रवाई
अमेरिका ने हाल ही में चीन की 25 कंपनियों और लोगों पर प्रतिबंध लगाए हैं और ताजा प्रतिबंध भी उसी कड़ी का हिस्सा है। अमेरिका के वित्त विभाग ने कहा कि चीन स्थित ये कंपनियां बड़ी मात्रा में फेंटेनिल, मेथाफेटामाइ और एमडीएमए जैसी ड्रग्स बनाने और वितरण के लिए जिम्मेदार हैं। साथ ही ये कंपनियां जाइलिन और नीटाजीन्स की तस्करी में भी शामिल हैं, जो फेंटनिल और अन्य ड्रग्स को बनाने में इस्तेमाल होती हैं। अमेरिकी अधिकारियों का कहना है कि अमेरिका में फेंटेनिल ड्रग मैक्सिको से आती है लेकिन इसे बनाने में इस्तेमाल होने वाले रसायन चीन से आते हैं।
अमेरिका ने चीन के वांग शुशेंग और दु चंगेन पर प्रतिबंध लगाया गया है। वांग पर आरोप है कि वह अन्य लोगों को दवा कंपनियों की आड़ में ड्रग्स के लिए रसायन बनाने वाली कंपनी स्थापित करने में मदद करता है। इसमें दु चंगेन भी मदद करता है। अमेरिका में कई तस्करों, डार्क वेब वेंडर्स, वर्चुअल करेंसी और मैक्सिको के अपराधी संगठनों को कच्चे माल की सप्लाई चीन से ही होती है।
तालिबान वादे पूरे करे, तभी देंगे वैधता- अमेरिका
अमेरिका ने कहा है कि तालिबान को पहले अपने वादे पूरे करने होंगे, तभी उनकी सरकार को वैधता दी जाएगी। अमेरिका की राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के संचार समन्वय प्रमुख जॉन किर्बी ने कहा कि ‘हमने अभी तक अफगानिस्तान की प्रशासनिक ताकत को वैधता नहीं दी है। वो ऐसा चाहते हैं लेकिन पहले उन्हें वादे पूरे करने होंगे।’ जॉन किर्बी ने कहा कि ‘जब आप अपने आधे कार्यबल, मतलब महिलाओं पर प्रतिबंध लगा देंगे तो आप कैसे प्रभावी अर्थव्यवस्था बन सकते हैं? इसलिए हम उन्हें उनके द्वारा किए वादों के लिए जवाबदेय ठहरा रहे हैं।’ हालांकि उन्होंने कहा कि ‘अमेरिका तालिबान के साथ बात कर रहा है और वहां मौजूद अपने मददगारों को वहां से सुरक्षित निकालने के लिए प्रयासरत है। साथ ही हम उनके साथ आतंकवाद से निपटने के लिए सूचनाएं भी साझा करते हैं क्योंकि वह अपने देश के भीतर ही आईएसआईएस से जूझ रहे हैं।’