पेरिस : ईएसए ने 26 मई को पुष्टि की कि पहली बार मंगल ग्रह से पृथ्वी पर एक एलियन सिग्नल आ रहा था। ये सिग्नल मार्स के ऑर्बिट में घूम रहे TGO ने 24 मई को रात 9 बजे भेजा, जो 16 मिनट बाद पृथ्वी पर रिसीव हुआ।
ये एक्सपेरिमेंट ‘ए साइन इन स्पेस’ प्रोजेक्ट के तहत किया गया। इस प्रोजेक्ट का मकसद ही ये है कि अगर किसी दूसरे ग्रह या एक्स्ट्राटेरेस्ट्रियल सिविलाइजेशन (एलियन्स) से हमारी धरती पर कोई सिग्नल भेजा जाएगा तो उसे हम रिसीव कर पाएंगे या नहीं।
वैज्ञानिकों ने किया सिग्नल डिकोड
‘ए साइन इन स्पेस’ प्रोजेक्ट पर कार्य करने वाली डेनिएला डी पाउलिस ने कहा कि इतिहास में, मानवता ने शक्तिशाली और परिवर्तनकारी घटनाओं में अर्थ की खोज की है। एक अलौकिक सभ्यता से एक संदेश प्राप्त करना पूरी मानव जाति के लिए एक गहरा परिवर्तनकारी अनुभव होगा।
सर्च फॉर एक्सट्राटेरेस्ट्रियल इंटेलिजेंस (सेटी) संस्थान में काम करने वाली पाउलिस एक अलौकिक संदेश को डिकोड करने और व्याख्या करने की प्रक्रिया का पता लगाने के लिए एक परियोजना बनाने के लिए अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञों और अंतरिक्ष वैज्ञानिकों की एक टीम को एक प्लेटफार्म पर लेकर आई हैं।
वहीं, कुछ रिपोर्ट्स में कहा जा रहा है कि डी पॉलिस और उनकी टीम ने इस सिग्नल या मैसेज को डीकोड करने के लिए एक दूसरा प्रोजेक्ट बना लिया है। साथ ही सिग्नल या मैसेज को डीकोड कर लिया है। हालांकि, ये बताया नहीं है कि उसमें क्या लिखा है।