टीएमसी की रैली में पहुंचे अखिलेश यादव, अभिषेक बनर्जी बोले- भाजपा बंगाल को बदनाम कर रही

कोलकाता : प. बंगाल में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) का शहीद दिवस कार्यक्रम शुरू हो चुका है। धर्मतला में चल रही रैली में बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव पहुंच गए हैं। इससे पहले टीएमसी के महासचिव अभिषेक बनर्जी रैली में पहुंचे। उन्होंने कहा कि भाजपा ने बंगाल के सभी फंड रोक दिए हैं। भाजपा बंगाल को बदनाम कर रही है। लोकसभा चुनाव में भाजपा ने फर्जी कहानी बनाकर संदेशखली को हथियार बनाकर बंगाल को बदनाम करने की साजिश की।
अभिषेक बनर्जी ने कहा कि भाजपा अबकी बार 400 पार का नारा दिया, लेकिन 240 पर रुक गए। टीएमसी के खिलाफ ईडी और सीबीआई का इस्तेमाल किया मगर जीत नहीं मिली। पार्टी महासचिव अभिषेक बनर्जी ने कहा कि 21 जुलाई 2022 को ईडी ने पार्थ चटर्जी के घर छापा मारा और उन्हें गिरफ्तार कर लिया। हम गलती करने वाले किसी व्यक्ति को नहीं बचाते। हम अन्याय करने की अनुमति भी नहीं देते हैं। अगर एसएससी-टीईटी घोटाले में पार्थ चटर्जी को गिरफ्तार किया जा सकता है, नीट घोटाले में धर्मेंद्र प्रधान को गिरफ्तार क्यों नहीं किया गया? यह भेदभाव क्यों किया जा रहा है?
ज्यादा समय तक नहीं चलेगी एनडीए : अखिलेश
टीएमसी की रैली में सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा कि भारत को सांप्रदायिक आधार पर बांटने की साजिश रचने वाली ताकतों को अस्थायी सफलता मिल सकती है, लेकिन अंततः उनकी पराजय होगी। केंद्र में भाजपा नेतृत्व वाली एनडीए सरकार लंबे समय तक नहीं टिकेगी, यह जल्द ही गिर जाएगी।
इसलिए हो रही रैली
21 जुलाई 1993 को ममता बनर्जी के नेतृत्व में राइटर्स अभियान के दौरान 13 लोगों की जान चली गई थी। उस दौरान ममता बनर्जी युवा कांग्रेस अध्यक्ष थीं, लेकिन तृणमूल कांग्रेस के गठन के बाद ममता बनर्जी हर साल 21 जुलाई को शहीद दिवस के रूप में मनाती रही हैं।
अहम मानी जा रही बैठक
लोकसभा चुनाव के नतीजे घोषित होने के बाद इंडिया गठबंधन की दिल्ली में बैठक हुई। अभिषेक बनर्जी वहां मौजूद थे। उसी वक्त उनकी मुलाकात अखिलेश यादव से हुई। लोकसभा चुनाव में एनडीए 400 सीटों का लक्ष्य लेकर चला था, लेकिन 293 सीटें ही जीत सका। बीजेपी को अकेले बहुमत नहीं मिला। लोकसभा चुनाव के बाद देश के अलग-अलग राज्यों में हुए उपचुनावों में भी बीजेपी को झटका लगा। कुल मिलाकर रैली में मंच पर अखिलेश यादव की मौजूदगी देश के राजनीतिक लिहाज से काफी अहम मानी जा रही है।