सूडान में सेना और अर्धसैनिक बल के बीच बनी सहमति, 4 से 11 मई तक लागू रहेगा संघर्षविराम

जुबा : युद्धग्रस्त सूडान में सेना और अर्धसैनिक बल आरएसएफ के बीच सात दिनों के लिए संघर्षविराम की सहमति बन गई है। जुबा में दक्षिण सूडान के विदेश मंत्रालय ने 2 मई को एक आधिकारिक बयान में कहा कि यह संघर्षविराम 4 से 11 मई तक लागू रहेगा।

बता दें कि सूडान में इस समय सत्ता पर कब्जे के लिए सेना और एक अर्धसैनिक समूह के बीच लड़ाई चल रही है। इस युद्ध में अब तक 400 से अधिक लोग मारे गए हैं और तीन लाख से ज्यादा लोग विस्थापित हो गए है।

सात दिन का युद्धविराम

विदेश मंत्रालय ने आगे कहा कि दक्षिण सूडान के राष्ट्रपति सलवा कीर मयारदित के साथ टेलीफोन पर बातचीत में युद्ध में शामिल दोनों पक्ष चार मई से 11 मई तक युद्धविराम पर सहमत हो गए है। सूडान सशस्त्र बल (SAF) और रैपिड सपोर्ट फोर्सेज (RSF) के नेता जनरल मोहम्मद हमदान डागलो ने युद्धविराम के लिए सैद्धांतिक रूप से सहमति व्यक्त की है। वह वार्ता के लिए अपने प्रतिनिधियों का नाम देने पर भी सहमत हुए हैं।

राष्ट्रपति सलवा कीर का नेताओं से आग्रह

राष्ट्रपति सलवा कीर ने सूडानी नेताओं से आग्रह किया है कि वे अपने प्रतिनिधियों का नाम दें और जल्द से जल्द वार्ता शुरू करने की तारीख प्रस्तावित करें। बता दें कि सलवा की सूडानी नेताओं के साथ विचार-विमर्श करने वाले राष्ट्राध्यक्षों की आईजीएडी विधानसभा के दल के नेता भी हैं। राष्ट्रपति कीर ने सूडानी नेताओं से कहा कि खार्तूम में तेजी से बिगड़ती मानवीय स्थिति से तनाव बढ़ गया है।

मानवीय स्थिति के मुद्दों पर चर्चा

कार्यवाहक विदेश और अंतर्राष्ट्रीय मंत्री भी क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपने समकक्षों के साथ संपर्क में रहे हैं। कार्यवाहक मंत्री ने मिस्र, युगांडा, केन्या और कनाडा के विदेश मंत्रियों के साथ-साथ विदेश, राष्ट्रमंडल और विकास कार्यालय में ब्रिटिश राज्य मंत्री के साथ युद्धविराम और मानवीय स्थिति के मुद्दों पर चर्चा की।

भारत ने चलाया ऑपरेशन कावेरी

सेना और अर्धसैनिक बलों के बीच संघर्ष के कारण सूडान में भयंकर रक्तपात हो रहा है। भारत अपने नागरिकों को सुरक्षित भारत लाने के लिए ऑपरेशन कावेरी चला रही है। विदेश मंत्रालय के अनुसार, करीब 3000 प्रवासी भारतीय देश पहुंच चुके हैं।

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