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भाजपा नेताओ की हत्या के बाद मुख्यमंत्री ने सुरक्षा प्रोटोकॉल का सख्ती से पालन करने के दिए निर्देश

रायपुर: बस्तर में भाजपा नेताओं की हत्या के बाद राज्य सरकार एक्शन में आ गई है, मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने पुलिस महानिदेशक अशोक जुनेजा से हालात पर बात की है। उन्होंने फिलहाल सभी राजनीतिक दलों की बैठक बुलाकर उन्हें सुरक्षा प्रोटोकॉल का सख्ती से पालन करने की समझाइश देने का निर्देश दिया है। नक्सल प्रभावित जिलों के पुलिस अधीक्षक जल्द ही ऐसी बैठक बुलाएंगे। मुख्यमंत्री ने कहा है कि राजनेताओं की सुरक्षा महत्वपूर्ण है, चाहे वे किसी दल के हों।

कोरिया रवाना होने से पहले रायपुर हेलीपैड पर पत्रकारों से बातचीत में मुख्यमंत्री ने कहा, इस महीने इस तरह की वारदात होती रही है। यह सही है कि भाजपा के कुछ नेताओं की इस तरह हत्या हुई है। यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। इससे यह भी पता चलता है कि नक्सलियों की ताकत कमजोर हुई है। इसलिए घरों में जाकर कहीं-कहीं हत्या आदि करके उपस्थिति दर्ज करा रहे हैं। मैंने अभी डीजीपी को निर्देशित किया है कि वहां सभी दलों की एसपी बैठक ले लें। सभी राजनीतिक दलों को सुरक्षा का ध्यान रखने आदि की जानकारी दें। कहीं जा रहे हों तो पुलिस को बता कर जाएं। सुरक्षा में जाएं। मैंने डीजीपी  से कहा है कि सभी एसपी इस तरह की बैठक कर राजनीतिक दलों को सचेत करें। उनकी सुरक्षा हमारे लिए महत्वपूर्ण है, चाहे वे किसी भी दल के हों।

मुख्यमंत्री ने भाजपा नेताओं की सुरक्षा हटाने संबंधी आरोप को बताया गलत

भाजपा नेताओं ने सरकार पर उनकी सुरक्षा घटाने का आरोप लगाया है। इसका जवाब देते हुए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा, भाजपा नेताओं की सुरक्षा हटाने संबंधी आरोप गलत है। केदार कश्यप चुनाव हार गए हैं। गागड़ा जी चुनाव हार गए हैं, उनको जेड प्लस सुरक्षा है। हमनें कहीं कमी नहीं की है। रमन सिंह जी की क्या स्थिति है। कभी नक्सल प्रभावित क्षेत्र में जाते भी नहीं और उनकी सुरक्षा देखिए। मुख्यमंत्री से ज्यादा सुरक्षा उनको मिला हुआ है। मुख्यमंत्री के पास एनएसजी का सुरक्षा घेरा नहीं है, रमन सिंह के पास है। उधर सोनिया जी, राहुल जी और प्रियंका जी की सुरक्षा हटा दिये हैं। राजनीतिक द्वेष वश निर्णय तो ये लेते हैं। हम लोग उस प्रकार से नहीं करते हैं।

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