रायपुर : राजधानी में बिना मान्यता के दो चैतन्य टेक्नो स्कूल संचालित किए जा रहे हैं। मामले की शिकायत मिलने के बाद जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय की टीम ने दबिश दी। बताया जाता है कि किराए के भवन में संचालित इन स्कूलों में अभिभावकों से मनमानी फीस ली जा रही थी। चैतन्य टेक्नो स्कूल अमलीडीह और टेक्नो स्कूल सरोना टाटीबंध पहली से आठवीं तक संचालित हैं, जिनमें लगभग हजार छात्र अध्ययनरत हैं। टीम ने इन दोनों स्कूलों पर एक-एक लाख रुपये जुर्माना किया है। जुर्माने की राशि तीन दिन के अंदर जमा नहीं करने पर प्रतिदिन 10-10 हजार रुपये अतिरिक्त जुर्माना देना पड़ेगा। मामले को लेकर स्कूल के प्राचार्य से संपर्क करने का प्रयास किया, लेकिन उनका फोन बंद मिला।
86 हजार रुपये तक प्रति विद्यार्थी वार्षिक फीस
चैतन्य टेक्नो स्कूल अमलीडीह में ट्यूशन, किताब, आनलाइन क्लासेस और यूनिफार्म के नाम पर पालकों से मोटी रकम ऐंठी जा रही है। नर्सरी से पीजी-2 तक 61 हजार, पहली और दूसरी तक 66 हजार, तीसरी से पांचवी तक 71 हजार, छठवीं, सातवीं और आठवीं में क्रमश: 76 हजार, 81 हजार और 86 हजार रुपये प्रति विद्यार्थी वार्षिक फीस ली जा रही है। कक्षा चौथी में प्रवेश लेने वाले छात्र से ट्यूशन फ़ीस के नाम से 55 हज़ार रुपये लिए जाते हैं। एक सेमेस्टर (6 माह) के लिए पुस्तक मटेरियल 6,555 रुपये में दिया जाता है।
यूनिफार्म का रेट साइज के अनुसार
स्कूल में यूनिफार्म का रेट साइज के अनुसार लिया जाता है। कक्षा छठवीं में 60 हजार रुपये ट्यूशन फीस और एक सेमेस्टर की पुस्तक के लिए 6,545 रुपये शुल्क किया जाता है। आनलाइन क्लासेस के लिए रजिस्ट्रेशन फीस छह हजार रुपये ली जाती है। स्कूल की से बच्चों को लाने -ले जाने के लिए वैन चलाई जाती है।
इन अधिकारियों ने की जांच
जिला शिक्षा अधिकारी रायपुर हिमांशु भारतीय, सहायक संचालक जिला शिक्षा अधिकारी केएस पटले, बीईओ धरसींवा एम मिंज, सहायक बीईओ धरसींवा प्रदीप शर्मा के साथ वंदना शुक्ला, रविकांस डोये ने स्कूल पहुंचकर जांच की।
संयुक्त संचालक के निर्देश के बाद कार्रवाई शुरू
संभागीय संयुक्त संचालक डा. योगेश शिवहरे के निर्देश के बाद रायपुर संभाग के तहत रायपुर, बलौदाबाजार, धमतरी, गरियाबंद, महासमुंद में आने वाले बिना मान्यता के स्कूलों की जांच शुरू हो गई है। बताया जाता है कि और भी इस तरह के मामले सामने आ सकते हैं।
सही पाई गई शिकायत
बिना मान्यता के चैतन्य टेक्नो स्कूल चलने की शिकायत मिल रही थी। हमने टीम के साथ जांच की। शिकायत सही पाई गई। स्कूल प्रबंधन पर हमने एक-एक लाख रुपये का जुर्माना लगाया है।
– हिमांशु भारतीय, जिला शिक्षा अधिकारी, रायपुर