दंतेवाड़ा: दंतेवाड़ा के तीन शिक्षकों की टीम ने माउंट एवरेस्ट के बेस कैंप की चढ़ाई सफलतापूर्वक पूरी कर ली है। बेस कैंप तक पहुंचने वाली दंतेवाड़ा जिले की यह पहली टीम है। इस बेस कैंप की ऊंचाई 5364 मीटर है। इस टीम में कमल किशोरक्त देवेद्र सोनी व सुजीत सिंह चौहान है।
दंतेवाड़ा से पहली बार ऐसी साहसिक उपलब्धि हासिल की
दंतेवाड़ा लौटने के बाद शिक्षकों ने बताया पिछले दो वर्षों से एवरेस्ट के बेस कैंप ट्रैक की तैयारी करते हुए ट्रैकिंग को सफलतापूर्वक पूरा किया। शिक्षक कमल किशोर, सुजीत चौहान, देवेन्द्र ने बताया माउंट एवरेस्ट को किताबों में पढ़ने, वीडियो और फोटो देखना अलग बात है, लेकिन यहां तक पहुंचने वाला अनुभव बहुत ही रोमांचकारी है।यह कठिन था लेकिन हम सभी ने शिखर पर पहुंचने के लिए दृढ़ निश्चय किया था कि किसी दिन, हम सभी एवरेस्ट फतह करेंगे। उबड़-खाबड़ और ठंडे इलाकों से गुजरते हुए ट्रैक को आठ दिनों में पूरा किया।
उन्होंने बताया कि तेनजिंग हिलेरी लूकला एयरपोर्ट पर लैंड करते ही सफर का रोमांच शुरू हो जाता है, जो एवरेस्ट बेस कैंप पहुंचने तक जारी रहता है। हालांकि, दल के सामने पथरीला रास्ता और हाड़ कंपा देने वाली ठंड, अधिक ऊंचाई पर आक्सीजन की कमी जैसी कई चुनौतियां सामने आई, लेकिन दंतेवाड़ा के इन तीन शिक्षकों ने अपने बुलंद हौंसलों से बेस कैंप का सफर सफलतापूवर्क पूरा किया।
नैना सिंह धाकड़ ने शिक्षकों दी बधाई
बस्तर की पर्वतारोही नैना सिंह धाकड़ ने दंतेवाड़ा के इस दल को बधाई दी है। पिछले साल जून में नौ दिनों के भीतर दुनिया की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट (8848.86 मीटर) और चौथी सबसे ऊंची चोटी माउंट लहोत्से (8516 मीटर) पर चढ़ाई करके नैना सिंह धाकड़ चर्चा में आई थी। पर्वतारोहण के क्षेत्र में उनके नाम कई रिकार्ड दर्ज हो चुके हैं।