धरती पर मौजूद है एक डरावना खोखला द्वीप, गूगल मैप पर नहीं दिखता नक्‍शा, गोताखोर ने खोल द‍िया रहस्य

लंदन: कई दशक से इस पर अलग-अलग दावे रहे हैं कि प्रशांत महासागर के बीच में वोस्टॉक द्वीप आखिर क्या है। ये एक अजीब सा काले पिंड जैसा क्यों दिखता है। गूगल मैप्स के हवाई दृश्य में इसकी जो तस्वीरें सामने आई हैं, सोशल मीडिया पर उसने इसके बारे में कई अजीब अटकलों को भी हवा दे दी है।विषेशज्ञ लगातार इस रहस्यमय खोखले द्वीप को सुलझाने की कोशिश में लगे थे। अब इस बारे में पता चला है कि क्यों ये गूगल मैप पर नहीं दिखता और क्यों ये काला खोखला दिखता है।

कुछ लोगों ने दावा किया कि यह एक सेंसर किया गया गंतव्य है। जिसके बारे में केवल अभिजात वर्ग को ही पता है। कुछ लोग इसे इसे एक शीर्ष गुप्त सैन्य अड्डा भी बताते हैं। कुछ एक्सपर्ट ने इसे एक खतरनाक ब्लैक होल माना है। इसको लेकर कई तरह के दावे दशकों से हैं लेकिन इसके ऐसा दिखने की वजह अब पता चली है।

द्वीप के चारों ओर है रेतीला समुद्र तट

यह छोटा द्वीप ऐसे दिखता है जैसे इसका केंद्र खोखला और काला हो। इसकी वजह ये है कि इसके चारों ओर केवल रेतीला समुद्र तट दिखाई देता है। यह रहस्यमय स्थान बहुत अच्छी तरह से संरक्षित है, जहां 15 शार्क और कई टन खतरनाक बाराकुडा घूम रहे हैं। मछलियां भी इस अछूते पानी का आनंद लेने के लिए एकांत स्थान पर आती हैं। इसकी वजह ये है कि यह अकेला है और गहरे नीले पानी से घिरा हुआ है।

इस द्वीप पर कभी भी किसी के बसने का कोई संकेत नहीं मिला है। इसे केवल कभी-कभार गोताखोरों ने ही देखा है। ऐसा इसलिए माना जाता है क्योंकि इस द्वीप पर पहुंचना बहुत कठिन है। यह द्वीप केवल 1.3 किमी लंबा है और इसका आकार एक त्रिभुज जैसा है। इस पर पिसोनिया के पेड़ हैं। जो 98 फीट तक बढ़ सकते हैं और गहरे हरे रंग का रूप दे सकते हैं। ये पेड़ काफी ज्यादा जगह घेरते हैं और सूरज की रोशनी को रोक लेते हैं। इन पेड़ों की वजह ये ही ये एकदम काला दिखता है।

रूसी खोजकर्ता ने खोजा था ये द्वीप

इस द्वीप को सबसे पहले एक रूसी खोजकर्ता ने देखा था, जिसने अपने जहाज के नाम पर इसका नाम द वोस्टॉक रखा था। तब से कई स्थानों ने इस पर अपना दावा पेश किया है, जिसमें 1979 तक ब्रिटिश कॉलोनी बनने से पहले का अमेरिका भी शामिल है। इसके बाद यह स्वतंत्र किरिबाती का हिस्सा बन गया, जिसके पास आज भी इसका स्वामित्व है। गूगल मैप पर पूरे क्षेत्र को ब्लैक आउट पाया जाना कोई असामान्य बात नहीं है। सैन्य ठिकानों से लेकर रहस्यमय द्वीपों तक, सेंसर किए गए स्थानों की कोई कमी नहीं है। जिन्हें डिजिटल मैपिंग सर्विस यूजर्स से छिपा कर रखती है। ऐसे में गूगल पर ये ब्लैक आउट दिखता है।

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