Sankashti Chaturthi : संकष्टी चतुर्थी पर करें भगवान गणेश का पूजन व व्रत
संकष्टी का अर्थ होता है संकटों को दूर करने वाला और चतुर्थी का अर्थ चांद्र मास के किसी पक्ष की चौथी तिथि होता है। आज के दिन भगवान गणेश की पूजा करना लाभदायक होता है। मान्यताओं के अनुसार, लोगों को संकष्टी चतुर्थी के दिन चांद को देखकर भगवान गणेश की पूजा करनी चाहिए।
यह व्रत संतान के जीवन में आने वाली हर संकट और बाधा से उन्हें बचाता है। इस दिन संकट हरण गणेश जी का पूरे विधि विधान के साथ पूजन किया जाता है। इसे संकष्टी चतुर्थी और तिलकुटा चौथ भी कहा जाता है। इस दिन माताएं पूरे दिन निर्जल व्रत रखती हैं और शाम को चंद्रमा को अर्घ्य देकर व्रत का पारण करती हैं।
ज्योतिषाचार्य ने बताया कि फाल्गुन मास के शुक्ल पक्ष चतुर्दशी तिथि के साथ मार्च मास के दूसरे सप्ताह की शुरुआत हो रही है। मार्च माह का ये सप्ताह काफी खास है क्योंकि इस सप्ताह होलिका दहन, होली, फाल्गुन पूर्णिमा, भाई दूज, संकष्टी चतुर्थी, रंग पंचमी से लेकर चैत्र मास का आरंभ हो रहा है।
12 मार्च,रविवार को मनेगी रंग पंचमी
चैत्र मास के कृष्ण की पंचमी तिथि को रंग पंचमी का पर्व मनाया जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन देवी-देवता होली खेलते हैं। रंग पंचमी का त्योहार होली से संबंधित और काफी हद तक होली की ही तरह मनाया जाता है। रंगपंचमी के दिन रंगों से नहीं बल्कि गुलाल से होली खेली जाती है। ऐसा माना जाता है कि रंग पंचमी के दिन वातावरण में गुलाल उड़ाना शुभ होता है।
इस दिन लोग रंग और गुलाल उड़ा कर अपनी खुशियां मनाते हैं। इसके अलावा बहुत सी जगहों पर इस दिन राधा रानी और कृष्ण को अबीर और गुलाल अर्पित किया जाता है, इसके अलावा इस दिन शोभा यात्राएं भी निकाली जाती है और होली की तरह देव होली के दिन भी लोग एक दूसरे पर रंग और अबीर डालते हैं।