Bastar Dussehra : विश्व के सबसे लंबे समय तक चलने वाले बस्तर दशहरे का महापर्व आज पूरे विधि-विधान के साथ सम्पन्न हुआ। 77 दिनों तक चले इस ऐतिहासिक पर्व में दंतेवाड़ा से आईं मां मावली की विदाई के साथ दशहरे का समापन किया गया। दंतेश्वरी मंदिर में माता मावली की डोली की पूजा-अर्चना के बाद जिला प्रशासन ने सलामी दी और उन्हें विदा किया।
माता मावली की विदाई के दौरान भक्तों का उमड़ा सैलाब
पूरे शहर में माता मावली की विदाई के दौरान भक्तों की भारी भीड़ उमड़ी। भक्तों ने माता का आशीर्वाद लिया और अपने परिवारों व क्षेत्रों की खुशहाली की कामना की। बस्तर की इस प्राचीन परंपरा के अनुसार, माता मावली को बेटी की तरह सम्मान और स्नेह के साथ विदा किया जाता है।
पूजा-अर्चना और सलामी के साथ विदाई
माता मावली की डोली का स्वागत शहरभर में किया गया। जिया डेरा में पूजा-अर्चना के बाद उन्हें सलामी दी गई, और इसके बाद उनकी डोली व छत्र को दंतेवाड़ा के लिए रवाना किया गया। बस्तर राजपरिवार के सदस्य कमल चंद भंजदेव और बस्तर दशहरा कमेटी के अध्यक्ष ने इस ऐतिहासिक पर्व के सफल समापन पर खुशी व्यक्त की। उन्होंने माता से बस्तर और प्रदेश की खुशहाली की प्रार्थना की।
यह परंपरा सदियों पुरानी है, जिसे राजपरिवार और दशहरा कमेटी के सदस्य आज भी पूरी श्रद्धा के साथ निभाते आ रहे हैं।