शनिवार को करें पीपल के पेड़ की पूजा, कम होता है शनि की साढ़े साती का प्रभाव

हिंदू पौराणिक कथाओं में शनि देव को न्याय का देवता माना गया है। शनिदेव का संबंध अनुशासन, जिम्मेदारी और कड़ी मेहनत से जुड़ा हुआ है। हिंदू ज्योतिष में 12 राशियों में शनि के गोचर को “साढ़े साती” कहा जाता है। ऐसी मान्यता है कि यह अवधि व्यक्ति के जीवन में चुनौतियां और कठिनाइयां ला सकती है।

पीपल के पेड़ की पूजा

शनिवार को पीपल के पेड़ की पूजा करना शनिदेव को प्रसन्न करने और साढ़ेसाती के नकारात्मक प्रभावों को कम करने का एक तरीका माना जाता है। हिंदू मान्यताओं के अनुसार पीपल का पेड़ पवित्र होता है और इसमें शनि के कारण होने वाले कष्टों से व्यक्ति को छुटकारा दिलाने की शक्ति होती है।

हिंदू धर्म में पीपल का पेड़ होता है पवित्र

हिंदू धर्म में पीपल के पेड़ को “बोधि वृक्ष” के रूप में भी जाना जाता है और इसे को पवित्र माना जाता है। पीपल के पेड़ को आध्यात्मिक और औषधीय गुणों से युक्त माना जाता है और कहा जाता है कि इसकी पूजा से आशीर्वाद और सकारात्मक ऊर्जा आती है।

भगवान विष्णु और बुद्ध से जुड़ा है पीपल का पेड़

पौराणिक मान्यताओं के अनुसार पीपल का पेड़ भगवान विष्णु और भगवान बुद्ध से भी जुड़ा हुआ है, जिनके बारे में माना जाता है कि उन्होंने पेड़ के नीचे ध्यान लगाकर ज्ञान प्राप्त किया था। पीपल के पेड़ को ज्ञान का प्रतीक माना जाता है।

ऐसे करें पीपल के पेड़ की पूजा

पीपल के पेड़ की पूजा आमतौर पर पेड़ को फूल और प्रसाद चढ़ाकर की जाती है। इसके साथ ही पेड़ की परिक्रमा भी करते हैं, जिसके बारे में माना जाता है कि यह सौभाग्य और समृद्धि लाता है।

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