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आयुष्मान कार्ड : मोबाइल पर बन रहा आयुष्मान कार्ड फिर लोग बनवाने में है पीछे

रायपुर। बीमारी के इलाज के लिए अस्पतालों में पचास हजार से लेकर पांच लाख तक निशुल्क इलाज की सुविधा के लिए आयुष्मान कार्ड बनवाने का लक्ष्य अभी भी काफी दूर है। कार्ड बनवाने के लिए मोबाइल पर भी सुविधा है, बावजूद इसके लोग दिलचस्पी नहीं दिखा रहे हैं। अकेले रायपुर जिले में चार लाख से अधिक लोगों ने अब तक आयुष्मान कार्ड नहीं बनवाया है। शासन द्वारा मोबाइल पर आयुष्मान कार्ड बनाने सुविधा प्रदान की गई है, मगर इसकी प्रक्रिया इतनी लंबी और जटिल है कि लोग इसमें उलझकर रह जा रहे हैं। साथ ही आयुष्मान कार्ड बनवाने की सुविधा अस्पतालों में दी जा रही है, मगर इसके लिए लोगों को वहां मरीज बनकर जाना पड़ता है।

च्वाइस सेंटर में भी आयुष्मान कार्ड बनवाने की सुविधा है, कुछ समय से महतारी वंदन योजना सहित अन्य कार्यों की वजह से आयुष्मान कार्ड बनाने के काम को एक किनारे कर दिया गया है। राज्य में अभी भी आयुष्मान कार्ड नहीं बनवाने वालों की संख्या साठ लाख से अधिक है और रायपुर जिले में भी चार लाख लोगों का कार्ड बनना बाकी है।इसमें ग्रामीण इलाकों की तुलना में शहरी इलाकों में रहने वाले लोगों की संख्या अधिक है, जबकि उनके पास च्वाइस सेंटर, अस्पताल के साथ आधुनिक मोबाइल की सुविधा भी है। आयुष्मान कार्ड के माध्यम से अभी एपीएल कार्ड वालों को पचास हजार और बीपीएल कार्ड वालों को पांच लाख रुपए तक उपचार की सुविधा दी जाती है।

लंबित भुगतान भी कारण

आयुष्मान योजना के तहत किए गए उपचार की लंबित राशि भी आयुष्मान कार्ड नहीं बनवाने की। एक वजह है। सरकारी अस्पताल के र साथ निजी अस्पतालों में भी आयुष्मान योजना के तहत इलाज की सुविधा प्रदान की जाती है। कई बार भुगतान नहीं होने की वजह से निजी अस्पताल योजना के तहत मरीज का इलाज करने से हाथ खींचने की कोशिश करते हैं। बीमारी के दौरान इस तरह की समस्या से दूर रहने के लिए लोग कार्ड बनवाने में दिलचस्पी नहीं दिखाते।

लगातार बन रहे राशन कार्ड

विभिन्न सुविधाओं के साथ लगातार शिविर लगाकर कार्ड बनाने के बाद भी आयुष्मान कार्ड से वंचित लोगों की संख्या में कमी नहीं आने की वजह को लेकर इस योजना से जुड़े लोगों का तर्क है कि लगातार राशनकार्ड बन रहे हैं। इसके कारण कार्ड नहीं बनवाने वालों की संख्या में बहुत अधिक कमी नहीं आ रही है। पिछले दिनों विकसित संकल्प भारत यात्रा के दौरान लगाए जाने वाले शिविर में बड़ी संख्या में आयुष्मान कार्ड बनाए गए थे।

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