25 मार्च को साल का पहला चंद्र ग्रहण, सूतक काल में तुलसी के अलावा इन चीजों का कर सकते हैं इस्तेमाल

इस साल का पहला चंद्र ग्रहण 25 मार्च को लगेगा। इसके 15 दिन बाद सूर्य ग्रहण है। साल में चार ग्रह लगते हैं। जिनमें दो सूर्य ग्रहण और दो चंद्र ग्रहण होता है। चंद्र ग्रहण से नौ घंटे पहले सूतक काल शुरू होता है। इस दौरान कई नियमों का पालन करने की मान्यता है। जिससे ग्रहण के अशुभ प्रभावों से बचा जा सके। इन्हीं में से एक काम तुलसी के पत्तों का इस्तेमाल करना है। तुलसी के अलावा कई चीजें है जिसका इस्तेमाल ग्रहण के अशुभ प्रभाव से बचने के लिए किया जा सकता है।

दूर्वा घास

ग्रहण के दौरान दूर्वा घास का इस्तेमाल किया जा सकता है। ग्रहण के अशुभ प्रभाव से बचने के लिए दूर्वा घास सर्वश्रेष्ठ है। ग्रहण के दौरान वातावरण में नाकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। इसलिए खाने और पीने के समान में दूर्वा घास रखना शुभ माना जाता है। वहीं, भगवान गणेश की पूजा में भी दूर्वा घास अर्पित करने की परंपरा है।

तिल

राहू-केतु की शांति के लिए ग्रहण से पहले तिल रख लें। ग्रहण खत्म होने के बाद स्नान कर तिल का दान कर दें। इस उपाय से नाकारात्मक ऊर्जा दूर होती है।

गंगाजल

हिंदू धर्म में गंगाजल को पवित्र और पुण्यदायी माना जाता है। ग्रहण के दौरान गंगाजल का इस्तेमाल बहुत शुभ होता है। गंगाजल डालकर स्नान करने से ग्रहण का दुष्प्रभाव दूर होता है। शारीरिक और मानसिक शुद्धि के लिए ग्रहण के बाद स्नान करना चाहिए।

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