नक्सलियों की कमर तोड़ने सुरक्षा बल नक्सल गढ़ में चला रहे बड़ा अभियान, एक महीने में सुरक्षा बल के 11 कैंप स्थापित

जगदलपुर : बस्तर के नक्सल क्षेत्र में सेंध लगाते हुए वहां लोकतंत्र के यज्ञ की तैयारी सुरक्षा बल की ओर से की जा रही है। छत्तीसगढ़ के तेलंगाना-आंधप्रदेश के सीमा से लगे क्षेत्र दंडकारण्य स्पेशल जोनल कमेटी का गढ़ माना जाता है। अभी हुए विधानसभा चुनाव में नक्सलियों की ओर से इस क्षेत्र में भाजपा का तीव्र विरोध देखने को मिला। भाजपा कार्यकर्ताओं की हत्या कर डर का वातावरण बनाने का प्रयास किया गया।
नक्सलियों के इस प्रभाव क्षेत्र में बीजापुर व कोंटा विधानसभा सीट आती है, दोनों ही सीट भाजपा को करीबी अंतर से गंवानी पड़ी है। अब प्रदेश में भाजपा को सत्ता की कमान मिलते ही एक माह के भीतर 11 सुरक्षा बल के कैंप की स्थापना ने नक्सलियों के इस गढ़ को भेदने का मार्ग प्रशस्त कर दिया गया है।
बीजापुर विधानसभा सीट से प्रत्याशी रहे पूर्व मंत्री महेश गागड़ा के वाहन को कुछ वर्ष पहले नक्सलियों ने विस्फोट से उड़ाया था, तब वे बच गए थे। गागड़ा कहते हैं कि विधानसभा चुनाव के पहले बस्तर में नक्सलियों ने भाजपा नेताओं को लक्षित कर हत्या की। विधानसभा के अंदरूनी क्षेत्र में भाजपा को प्रचार नहीं करने दिया गया।
इसके बाद भी नगरीय क्षेत्र में भाजपा को भारी बहुमत मिला, पर नक्सलियों के दबाव में अंदरूनी क्षेत्र में हुए मतदान ने चुनाव को प्रभावित किया है। कांग्रेस को स्पष्ट करना चाहिए कि यह सब किनके इशारे पर हो रहा था। वे मानते हैं कि डबल इंजन की सरकार में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह व प्रदेश सरकार के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में बस्तर में शांति की स्थापना शीघ्र कर ली जाएगी।