दंतेवाड़ा: पिछले साल अप्रेल के महीने में नक्सलियों ने पुलिस के खिलाफ एक बड़े वारदात को अंजाम दिया था। नक्सलियों ने दंतेवाड़ा के अरनपुर में एक लैंडमाईन ब्लास में डीआरजी जवानों से भरी गाड़ी को उड़ा दिया था। इस हमले में डीआरजी के 10 जवान मौके पर ही शहीद हो गए थे। इस वारदात के बाद पुलिस ने सघन तौर पर आरोपी नक्सलियों की तलाश शुरू कर दी थी।
इस हत्याकांड के अगले ही महीने यानी मई में पुलिस को बड़ी कामयाबी हासिल हुई और इस घटना में शामिल सात नक्सलियों को हिरासत में ले लिया गया। इनमे तीन नक्सली नाबालिग थे। वही लम्बे वक़्त के बाद कल यानी शनिवार को इस वारदात में शामिल एक और नक्सली को हिरासत में लिया था जिसकी मौत हो गई हैं। बताया जा रहा हैं कि पुलिस की गिरफ्त में आएं नक्सली की तबियत खराब थी। उसे उपचार के लिए दंतेवाड़ा के जिला अस्पताल में भी दाखिल कराया गया था जहाँ उसने दम तोड़ दिया। एएसपी आरके बर्मन ने इसकी पुष्टि की हैं।
PLGA ने ली थी ब्लास्ट की जिम्मेदारी
गौरतलब हैं कि दंतेवाड़ा में हुए हमले की जिम्मेदारी नक्सलियों की दरभा डिवीजन कमेटी ने ली थी। वारदात को संगठन के PLGA (पीपुल्स लिबरेशन गुरिल्ला आर्मी) ने अंजाम दिया था। इसे लेकर दरभा डिविज़न के सचिव साइनाथ ने पिछले साल 27 अप्रैल को प्रेस नोट जारी किया था। इसमें कहा कि अरनपुर हमला सरकारों की ओर से उनके ऊपर की जा रही कार्रवाई का जवाब है। मारा गया नक्सली भी इसी कमेटी का सदस्य बताया जा रहा हैं जिसकी पुलिस भी तलाश थी।