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पहचान के संकट से जूझ रहे है 71 विधायक अच्छा काम कर रहे हैं तो उन्हें ही प्रत्याशी घोषित क्यों नहीं करती कांग्रेस : भाजपा

रायपुर:  भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता दीपक म्हस्के ने भाजपा कार्यालय एकात्म परिसर में आयोजित प्रेस ब्रीफ में कहा कि कांग्रेस पार्टी के विधायक आज पहचान के संकट से जूझ रहे हैं। अभी तक कांग्रेस ने अपने उम्मीदवार घोषित नहीं किए हैं कम से कम 71 विधायक के नाम ही घोषित कर देते पर ऐसा नहीं कर पा रहे हैं क्योंकि कांग्रेस में मुख्यमंत्री, उप मुख्यमंत्री और प्रदेश अध्यक्ष के बीच टिकट बंटवारे को लेकर आपस में खींचतान चल रही हैं। वहीं भारतीय जनता पार्टी ने पहले अगस्त माह में 21 और 09 अक्टूबर को 64 सीटों पर कुल 85 उम्मीदवार घोषित कर दिए हैं। एक तरह से ये यह दर्शाता हैं की कांग्रेस बुरी तरह से डरी हुई हैं और डर हो भी क्यों न 2018 के विधानसभा चुनाव में झूठे वादे करके सत्ता में आए थे।

भाजपा प्रदेश प्रवक्ता श्री म्हस्के ने मंगलवार को एकात्म परिसर स्थित भाजपा कार्यालय में प्रेस ब्रीफ में पत्रकारों से चर्चा के दौरान कहा कि आज कांग्रेस के उम्मीदवार किस मुंह से जनता के बीच जाएंगे? एक भी वादे पूरे नहीं किए हैं। खुद मुख्यमंत्री अपने लिए दूसरी जगह ढूंढ रहे हैं। कुछ माह पहले कांग्रेस के पूर्व प्रभारी पी.एल. पुनिया ने किसी सर्वे रिपोर्ट के आधार पर कहा था कि छत्तीसगढ़ में 48 विधायकों का प्रदर्शन अच्छा नहीं है और मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भी इस बात को दुहराया था, परंतु इनके मंत्री जयसिंह अग्रवाल ने विरोध करते हुए कहा था कि मैं ऐसी किसी सर्वे रिपोर्ट को नहीं मानता। तब दबाव में आकर मुख्यमंत्री बघेल ने कहा था कि सबका प्रदर्शन अच्छा है। श्री म्हस्के ने सवाल किया कि यदि वास्तव में इनका प्रदर्शन अच्छा है तो कम-से-कम 71 विधायकों की ही टिकट घोषित क्यों नहीं कर देते? और कुछ नहीं तो, कम-से-कम मुख्यमंत्री बघेल की टिकट ही फाइनल कर देते। यह प्रदेशभर में आम चर्चा है कि मुख्यमंत्री बघेल अपने लिए अब दूसरी सीट तलाश रहे हैं। कांग्रेस को इस अपनी स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए। श्री म्हस्के ने कहा कि मुख्यमंत्री बघेल भाजपा की चिंता करना छोड़ अपनी सरकार और कांग्रेस की चिंता करें। भाजपा तो पूरी तैयारी और दमखम के साथ चुनावी रण में उतर चुकी है। छत्तीसगढ़ की जनता ने परिवर्तन का मन बना लिया है और निश्चित तौर पर विजयश्री भाजपा को प्राप्त होगी।

भाजपा प्रदेश प्रवक्ता श्री म्हस्के ने भाजपा के राज्य और केंरीय नेतृत्व के लोकर की गई टिप्पणी पर अपनी प्रतिक्रिया में कहा जो कांग्रेस और उसकी भूपेश सरकार खुद आज भरोसे का भीषण संकट झेल रही है, उस पार्टी के नेता-मंत्री भाजपा की चुनावी तैयारियों और प्रत्याशियों की घोषणा में ऐतिहासिक बढ़त बनाने पर बौखलाकर ऊलजलूल टिप्पणी कर रहे हैं। इसी संबंध में उपमुख्यमंत्री टी.एस. सिंहदेव के बयान पर करारा पलटवार करते हुए श्री म्हस्के ने कहा कि यह तो वही मिसाल हो गई कि सूप बोले तो बोले, चलनी भी बोले जिसमें बहत्तर छेद! श्री म्हस्के ने कहा कि भाजपा केंद्रीय नेतृत्व को अपनी राज्य इकाई पर पूरा भरोसा है, तभी भाजपा ने परिवर्तन यात्रा का ऐतिहासिक कार्यक्रम संपन्न किया, प्रधानमंत्री, गृह मंत्री सहित भाजपा के केंद्रीय नेताओं और मंत्रियों की बड़ी-बड़ी सभाएँ हुईं। भाजपा ने अपने केंद्रीय नेतृत्व के मार्गदर्शन में 85 प्रत्याशी मैदान में उतार दिए हैं तो उपमुख्यमंत्री सिंहदेव के पेट में मरोड़ क्यों उठने लगा? कांग्रेस में जो घमासान मचा है, उस पर कांग्रेस और प्रदेश सरकार के लोग कुछ बोलने की स्थ्ति में नहीं हैं।

भाजपा प्रदेश प्रवक्ता श्री म्हस्के ने कहा कि जिस कांग्रेस में ‘एक परिवार’ की मर्जी के बगैर पत्ता तक नहीं हिलता, उस कांग्रेस के नेता और मंत्री भाजपा के केंद्रीय और प्रदेश नेतृत्व में भरोसा नहीं होने की बात कर रहे हैं! श्री म्हस्के ने कहा कि कांग्रेस की अंतर्कलह का आलम यह है कि उपमुख्यमंत्री अब अपने राजनीतिक विरोधियों पर खुलकर हमला बोल रहे हैं और इसके बाद भी यदि विरोधियों को तवज्जो दी गई तो सिंहदेव साफ कर चुके हैं कि आगे क्या होगा, यह जनता जाने और पार्टी जाने। बड़े बेमन से उपमुख्यमंत्री पद पर बैठे सिंहदेव की यह चेतावनी मुख्यमंत्री बघेल और उपमुख्यमंत्री सिंहदेव के रिश्तों की खटास को जाहिर कर रही है। क्या सिंहदेव प्रदेश को यह बताने की जहमत उठाएंगे कि यह कांग्रेस की किस श्रेणी का भरोसा है? श्री म्हस्के ने कहा कि दरअसल, भाजपा की एकजुटता और परिवर्तन यात्रा की सफलता से बौखलाए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल समेत तमाम मंत्री और कांग्रेस नेता बेसिर-पैर की बातें करके अपनी जगहँसाई करा रहे हैं। श्री म्हस्के ने सवाल किया कि उपमुख्यमंत्री सिंहदेव छत्तीसगढ़ में कांग्रेस और अपनी सरकार के अंतर्कलह को कैसे भूल रहे हैं, जिसके असली सूत्रधार खुद सिंहदेव और मुख्यमंत्री बघेल खुद हैं। उपमुख्यमंत्री सिंहदेव से सियासी अदावत की हद तो यह थी कि अपने ही एक विधायक के जरिए राजनीतिक चरित्र हत्या का षड्यंत्र तक रचा गया था। एक आदिवासी मंत्री सरकार से और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पद से मोहन मरकाम क्यों हटा दिए गए? मुख्यमंत्री बघेल और कांग्रेस के नेता भाजपा के आंगन में ताकझाँक के मनोरोग से उबरने की दिशा में बढ़ें। इस दौरान प्रेस ब्रीफ में प्रदेश मीडिया सह प्रभारी अनुराग अग्रवाल मौजूद रहे।

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