युवा शक्ति कार्यक्रम में पहुंचे अभिनेता आशुतोष राणा ने कहा, युवा हमेशा सकारात्मक रहे, नकरात्मक चीजों को भूल जाएं

बिलासपुर : सरकंडा के बहतराई स्टेडियम में आयोजित युवा शक्ति कार्यक्रम में पहुंचे मशहूर हिंदी फिल्म के कलाकार एवं साहित्यकार आशुतोष राणा ने कहा कि युवाओं को हमेशा पाजिटिव रहना चाहिए। निगेटिव चीजों को भूल जाएं और लक्ष्य निर्धारित करके आगे बढ़ें। वर्तमान समय में इंटरनेट की दुनिया में युवा ज्यादा व्यस्त हो चुके हैं। इससे वे सही दिशा से भटकने लगे हैं। अगर भविष्य को बेहतर बनाना है तो युवाओं को मोबाइल से दूर रहना पड़ेगा। जरूरत के मुताबिक ही मोबाइल का उपयोग करें। बाकी समय हाथ भी न लगाएं।

सुनना व पढ़ना हम दोनों ही नहीं कर रहे, क्योंकि हमारी पूरी जिंदगी स्मार्टफोन से ही संचालित हो रही है। युवाओं को सकारात्मक कार्य करने का ज्यादा प्रयास करना चाहिए और नकारात्मक विचारों को पीछे छोड़कर आगे बढ़ने से ही सफलता मिलेगी। नकारात्मक चीजों से अपने मन को हटाकर सकारात्मक नजरिए से मेहनत करें।

आशुतोष राणा ने अपने जीवन से संबंधित विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की। उन्होंने फिल्म, जीवन और आध्यात्म के बारे में युवाओं को जानकारी दी। कैसे मैं एक्टर बना। एमपी से उठकर मुंबई गए। स्कूल एक्टिंग की पढृ़ाई की। छोटे रोल पहले किया। फिर बडा रोल किया। खाली समय में पढ़ना पसंद है।

भगवान राम के बारे में जानकारी दी। एक्टर राणा ने अपने बारे में बताते हुए कहा कि वे कालेज में पढ़ने के दौरान छात्र राजनीति की ओर प्रेरित हुए। उन्होंने छात्र राजनीति शुरू कर दी। इसी बीच गुरु पं. देव प्रभाकर शास्त्री दद्दाजी ने उनको अभिनय में करिअर बनाने का आदेश दिया और वे अभिनेता बन गए। स्वाभिमान सीरियल से अपने अभिनय का सफर शुरू किया था। यह आज भी जारी है।

साउथ इंडिया की फिल्म इंड्रस्ट्री की ओर उनके झुकाव पर राणा ने कहा कि एक अभिनेता के लिए जरूरी है कि वह मातृभाषा के अलावा अन्य अधिक से अधिक भाषाओं में फिल्म करें। अभिनेता के लिए अच्छा रोल महत्वपूर्ण है चाहे वह किसी भी भाषा में हो।

कमाई के पीछे न भागें

एक्टर राणा ने कहा कि व्यापार, निजता, परिवार सभी में आज व्यक्ति खंडित हो रहा है। लालसा के लिए वह अंधी दौड़ का हिस्सा बनता जा रहा है। हम कमा रहे हैं तो ईएमआइ भरने के लिए और इस कमाई के लिए हम अपना और अपनों से दूर होते जा रहे हैं। सुख को भी छोड़ रहे हैं। वास्तव में यह कार्य हमसे असुरक्षा की भावना या यूं कहें कि असुरक्षित व्यक्तित्व करवा रहा है। खंडित व्यक्ति के असुरक्षित भाव से राष्ट्र की सुरक्षा कैसे हो सकती है।

गुरु संकल्प को कर रहे हैं पूरा

अभिनेता आशुतोष राणा ने बताया कि उनके गुरु पं. देवप्रभाकर शास्त्री अपने गुरु करपात्री महाराज के संकल्प को पूरा करने के लिए शिवलिंग निर्माण का आयोजन करा रहे हैं। दद्दाजी संस्कृत कालेज में प्रोफेसर थे। गुरु का संकल्प पूरा करने उन्होंने नौकरी छोड़ दी और पहले छोटे यज्ञ किए। इसके बाद 1980 में पहली बार जबलपुर में सवा करोड़ शिवलिंग निर्माण का आयोजन किया। इसके बाद यह सिलसिला आगे बढ़ा।

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