17 अगस्त से शुरू होगा शुद्ध सावन मास, मनाएं जाएंगे ये पर्व और त्योहार

अगस्त में तिथि, वार, नक्षत्र और ग्रहों की स्थिति से कई शुभ संयोग बन रहे हैं। वही सूर्य के कर्क राशि में आने के बाद दक्षिणायन भी शुरू हो गया है। अगले 6 महीने तक दक्षिणायन रहेगा। साथ ही देव शयन होने से चतुर्मास भी चल रहा है। अधिक मास 16 अगस्त तक रहेगा। यानी पुरुषोत्तम मास समाप्त होकर 17 अगस्त से शुद्ध श्रावण मास प्रारंभ होगा। इस शुद्ध श्रावण मास में विभिन्न पर्व त्यौहार मनाए जाएंगे।

ज्योतिषाचार्य के अनुसार 1 अगस्त को पुरुषोत्तम मास की पूर्णिमा के बाद से सनातन धर्म में त्योहारों की श्रंखला शुरू हो गई है। जो कार्तिक माह तक चलेगी। अगस्त में सावन का मुख्य पर्व हरियाली तीज है। इसके बाद नाग पंचमी पर्व पर भोलेनाथ व उनके नाग की पूजा होगी। तथा अगस्त के अंत में भाई-बहन के अमर प्रेम का प्रतीक पर्व रक्षाबंधन मनाया जाएगा। सावन की शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को हरियाली तिथि 19 अगस्त को रहेगी। वही नाग पंचमी 21 अगस्त सोमवार को तथा 30 अगस्त को रक्षाबंधन का पर्व मनाया जाएगा।

इसके साथ ही अगस्त के पूरे महीने में ग्रह नक्षत्र और योगो का बेजोड़ संयोग भी बनेगा। जो शुभ रहेगा। 5 दिन रवि योग रहेगा। वही 5 दिन सर्वसिद्धि योग और 3 दिन सिद्धि योग, 1 दिन प्रजापति योग, 2 दिन वर्धमान योग, 3 दिन गज केसरी योग, 2 दिन महालक्ष्मी योग और 2 दिन बुधादित्य योग अगस्त में रहेगा।

रवि योग

7 अगस्त सोमवार, 22 अगस्त मंगलवार, 25 अगस्त शुक्रवार, 26 अगस्त शनिवार, 29 अगस्त मंगलवार

सर्वार्थ सिद्धि योग

9 अगस्त बुधवार, 14 अगस्त सोमवार, 15 अगस्त मंगलवार, 20 अगस्त रविवार, 24 अगस्त गुरुवार

सिद्धि योग

9 अगस्त बुधवार, 14 अगस्त मंगलवार, 18 अगस्त शुक्रवार

प्रजापति योग

14 अगस्त सोमवार

वर्धमान योग

15 अगस्त मंगलवार ,24 अगस्त गुरुवार

गजकेसरी योग

15 अगस्त मंगलवार ,22 अगस्त मंगलवार, 29 अगस्त मंगलवार

महालक्ष्मी योग

17 अगस्त गुरुवार, 21 अगस्त सोमवार, 29 अगस्त मंगलवार

बुधादित्य योग

21 अगस्त सोमवार, 29 अप्रैल मंगलवार

सूर्य बुध आदित्य योग में होगा नागपूजन

ज्योतिषाचार्य  ने बताया कि ग्रह गोचर में 21 अगस्त सोमवार के दिन सूर्य और बुध सिंह राशि में उपस्थित रहेंगे। सिंह राशि के अधिपति स्वयं सूर्यदेव हैं। और बुध के मित्र हैं। इसलिए यह युती बुधादित्य योग का निर्माण करेगी। अतः नाग पंचमी का आने वाला त्यौहार नाग पूजन एवं काल सर्प दोष पूजा के लिए श्रेष्ठ माना जाएगा। इस दिन कालसर्प दोष निवारण पूजा बालाजी धाम काली माता मंदिर बहोड़ापुर धर्मार्थ सेवा समिति के द्वारा कराई जाएगी। इसके लिए मंदिर समिति में पंजीयन प्रारंभ कर दिए हैं।

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