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एक ही परिवार के 12 हत्यारोपियों को उम्रकैद, अदालत ने सुनाया सख्त फैसला, जमीन विवाद में हुई थी हत्या

सूरजपुर : जिले में जमीन विवाद में हुए एक जघन्य हत्याकांड में कोर्ट ने एक ही परिवार के 12 सदस्यों को आजीवन कारावास का फैसला सुनाया है. साल 2022 में हुए निर्मम हत्याकांड में शामिल सभी आरोपियों को हत्या, आपराधिक षडयंत्र और सामूहिक हमले का दोषी करार देते हुए कोर्ट ने सख्त फैसला सुनाया.

साल 2022 में सूरजपुर जिले में जमीन विवाद से जुड़े एक जघन्य हत्याकांड न्याय के मुकाम तक उस वक्त पहुंच गया जब कोर्ट ने सभी 12 हत्यारोपियों को आजीवन कारावास की सख्त सजा सुनाई. यह फैसला सामाजिक न्याय और विधि व्यवस्था की दृष्टि से एक मजबूत संदेश लेकर आया है.

निर्मम हत्याकांड के लिए कोर्ट परिवार के 12 सदस्यों को सुनाया आजीवन कारावास

गौरतलब है साल 2022 में जिले के चंदौरा थाना क्षेत्र के ग्राम सेमई में एक ही परिवार के 12 सदस्यों ने मृतक हिरदलराम राजवाड़े की हत्या की निर्ममतापूर्ण तरीके से हत्या को अंजाम दिया था. करीब 3 साल चले ट्रायल के बाद अदालत ने मंगलवार को बड़ा फैसला सुनाते हुए सभी 12 आरोपियों को आजीवन कारावास की सज़ा सुनाया.

सभी 12 हत्यारोपियों को हत्या, आपराधिक षड्यंत्र व सामूहिक हमले का दोषी माना

अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश ओमप्रकाश सिंह चौहान की अदालत ने सभी 12 हत्यारोपियों को हत्या, आपराधिक षड्यंत्र और सामूहिक हमले का दोषी करार दिया. विशेष बात यह है कि सभी आरोपी एक ही परिवार से हैं, जिनमें पांच महिलाएं भी शामिल हैं,जिनकी  उम्र 24 से 65 वर्ष के बीच है.

मृतक हिरदलराम राजवाड़े के पुत्र कमल राजवाड़े ने सरपंच के माध्यम से मिली सूचना के बाद चंदौरा थाने में FIR दर्ज कराई. पुलिस ने IPC (अब BNS) की धाराओं 302, 120B, 148, 149 और 341 के तहत प्रकरण दर्ज कर 12 आरोपियों को गिरफ़्तार कर जेल भेजा था.

हिरदलराम राजवाड़े को हत्यारोपियों ने योजनाबद्ध तरीके से पीट-पीटकर मार डाला था

हत्या 24 जून 2022 की हुई थी जब खरीदी गई एक जमीन के सीमांकन के लिए गांव जा रहे मृतक हिरदलराम राजवाड़े को हत्यारोपियों ने योजनाबद्ध तरीके से हमलाकर पीट-पीटकर मार डाला था. दरअसल, मृतक ने जमीन बईगासाय लोहार नामक व्यक्ति से खरीदी थी, जिस पर उसके रिश्तेदारों का अवैध कब्जा था.

षड्यंत्र में शामिल सभी 12 हत्यारोपी हत्या जैसे आपराधिक घटना के लिए एकत्रित हुए थे

अभियोजन पक्ष की ओर से अतिरिक्त लोक अभियोजक कृष्ण कुमार नाविक ने प्रभावी ढंग से पैरवी की. अदालत ने अपने फैसले में कहा कि यह अपराध न सिर्फ पूर्व नियोजित था, बल्कि समाज की शांति और न्याय व्यवस्था के लिए गहरा खतरा भी. सभी आरोपी आपराधिक षड्यंत्र में शामिल थे, उन्हें पता था कि हत्या जैसे आपराधिक घटना के लिए वे एकत्रित हुए हैं.

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