एमपी-छत्तीसगढ़ के लोगों के नाम पर फर्जी सिम का खेल, युएई से म्यांमार तक चल रहा रैकेट, 11 गिरफ्तार

रायपुर : छत्तीसगढ़ में साइबर क्राइम और ऑनलाइन ठगी के लिए इस्तेमाल हो रहे सिम कार्डों का चौंकाने वाला खुलासा हुआ है. पुलिस ने ऑपरेशन साइबर शिल्ड के तहत बड़ी कार्रवाई करते हुए ऐसे 11 लोगों को गिरफ्तार किया है, जो मध्य प्रदेस और छत्तीसगढ़ के लोगों के नाम पर जारी किए गए फर्जी सिम कार्ड का उपयोग संयुक्त अरब अमीरात (युएई), श्रीलंका, नेपाल और म्यांमार में किया जा रहा था. इन सिम कार्डों के जरिए म्यूल बैंक खातों का संचालन हो रहा था. इनके जरिए जुआ, सट्टा और ठगी के पैसे ट्रांसफर किए जा रहे थे.
साइबर ठगी के नेटवर्क का पर्दाफाश
साइबर क्राइम की जांच के दौरान पुलिस को सैकड़ों मोबाइल नंबरों की जानकारी मिली थी, जिनसे ऑनलाइन फ्रॉड किए जा रहे थे. इस जांच में पता चला कि म्यूल बैंक खातों में रजिस्टर मोबाइल नंबर छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश और राजस्थान के लोगों के नाम पर थे, जो विदेशों में सक्रिय थे. इस रैकेट में मोबाइल कंपनियों के कर्मचारी भी शामिल थे. ऑपरेशन साइबर शील्ड के तहत पुलिस ने राजस्थान, मध्यप्रदेश और रायपुर से इन आरोपियों को गिरफ्तार किया. इन आरोपियों के पास से 7000 से अधिक सिम कार्ड और 590 मोबाइलों का साइबर अपराध में उपयोग होने की पुष्टि हुई है.
ई-केवायसी और डी-केवायसी का दुरुपयोग
पुलिस ने खुलासा किया कि आरोपी ई-केवाईसी और डी-केवाईसी प्रक्रिया का दुरुपयोग कर फर्जी सिम कार्ड जारी कर रहे थे. ग्राहकों के डबल थंब स्कैन और आई-ब्लिंक के जरिए एक व्यक्ति के नाम पर बिना उसकी जानकारी के दूसरा सिम जारी कर लिया जाता था. पहली बार थंब स्कैन के तुरंत बाद दूसरा सिम एक्टिवेट कर लिया जाता. इसके अलावा आधार कार्ड की फिजिकल कॉपी से डी-केवाईसी कर नया सिम सक्रिय किया जाता था. इन सिम कार्डों को म्यूल खातों के संचालकों और दलालों को ऊंची कीमत पर बेचा जाता, जिनका इस्तेमाल अंतरराष्ट्रीय साइबर ठगी में होता था.
गिरफ्तार आरोपियों के नाम
नितेश कुमार शर्मा (करौली, राजस्थान)
पीयूष पांडे (सतना, मध्य प्रदेश)
हरविंदर भाटिया (दुर्ग)
दिलावर सिंह संधू (दुर्ग)
उदय राम यदु (डीडी नगर, रायपुर)
आशीष कलवानी (पुरानी बस्ती, रायपुर)
चंदन कुमार सिंह (भनपुरी, रायपुर)
सचिन गिरी (मोवा, रायपुर)
वैभव साहू (कसारीडीह, दुर्ग)
सूरज मारकण्डे (कुरूद, धमतरी)
अतहर नवाज (मठपुरैना, रायपुर)