CG नवा रायपुर में बनेगी नई तहसील : मंदिर हसौद, आरंग, अभनपुर और नवापारा के हिस्से होंगे शामिल

रायपुर। छत्तीसगढ़ की नई राजधानी नवा रायपुर अटल नगर में मंदिर हसौद, आरंग, अभनपुर और गोबरा नवापारा के हिस्सों को जोड़कर एक नई तहसील बनाने की तैयारी है। बताया गया है कि इस संबंध में राजस्व विभाग ने एक प्रस्ताव तैयार किया है। यह प्रस्ताव अभी विचाराधीन है। दूसरी ओर नवा रायपुर अटल नगर विकास प्राधिकरण ग्राम बरौंदा, रमचंडी, रीको, मंदिर हसौद, सेरीखेड़ी और नकटी गांव की 436 हेक्टेयर जमीन पर नया विहार बनाने की तैयारी में है। यह उसी तरह होगा जैसा कि सरकार ने पूर्व में रायपुर में कमल विहार बनाया था, अब यह कौशल्या विहार के नाम से जाना जाता है।
नवा रायपुर में नई तहसील बनने के बाद इस पूरे क्षेत्र के राजस्व संबंधी प्रकरणों का निपटारा इसी तहसील से हो जाएगा। दरअसल नवा रायपुर के आसपास की चार तहसीलों के सीमावर्ती हिस्से नवा रायपुर से लगते हैं, लेकिन राजस्व संबंधी मामलों की सुनवाई अलग-अलग तहसीलों में होती है। इस स्थिति को देखते हुए नवा रायपुर में नई तहसील बनाने का प्रस्ताव है।
अब नया विहार बनाने की तैयारी भी
नवा रायपुर में नया विहार के नाम से नया शहर बनाने की तैयारी है। इस संबंध में आवास एवं पर्यावरण विभाग ने एक नई अधिसूचना का प्रकाशन भी कराया है। नवा रायपुर विकास प्राधिकरण ने ग्राम बरौंदा, रमचंडी, रीको, मंदिर हसौद, ग्राम सेरीखेड़ी और नकटी में 436 हेक्टेयर से अधिक भूमि के लिए नगर विकास योजना का प्रारूप तैयार किया है। इस प्रारूप का प्रकाशन किया गया है। इसे पूर्व में जारी नगर विकास योजना के प्रकाशन की तिथि से 30 दिनों के भीतर प्राप्त आपत्तियों और सुझावों पर विचार करने के बाद तैयार किया गया है। खास बात ये है कि इसी अधिसूचना में कहा गया है कि अधिसूचना में प्रकाशित भूखंड़ो की सूची को भू-स्वामित्व या भू-अभिलखों के रूप में सत्यापन नहीं माना जाएगा। जो कि छत्तीसगढ़ शासन के राजस्व विभाग के अपडेटेड भू-अभिलेखों के अनुसार सत्यापन के अधीन होगा। योजना को अंतिम रूप देने के बाद अंतिम भूखंड़ो का आवंटन और उसके बाद अंतिम भूखंड़ो का कब्जा भूस्वामी के अपडेटेड और प्रमाणित भू-स्वामित्व अभिलेखों के उचित सत्यापन के बाद किया जाएगा।
ये है नया विहार की योजना
कुछ साल पहले रायपुर के समीप जिस तरह कमल विहार (अब कौशल्या विहार) बनाया गया था, ठीक वैसे ही यह नया विहार बनाने की योजना है। इसमें किसानों की जमीनें ली जाएंगी और उन्हें विकसित कर उसका एक हिस्सा किसान को ही दिया जाएगा। इसके लिए करीबन आधा दर्जन गांवों की 436 हेक्टेयर यानी करीब 1100 एकड़ से ज्यादा जमीन ली जाएगी। जिन लोगों की जमीन ली जाएगी, बदले में उन्हें 30-40 फीसदी विकसित प्लॉट देते हुए शेष जमीन आम लोगों को बेची जाएगी। नया विहार में आवासीय, कमर्शियल, चिकित्सा और शिक्षा के लिए भी जमीन रिजर्व की जाएगी।
जरूरतमंद लोग और संस्था अपनी जरूरतों के अनुसार जमीन की खरीदी कर सकेंगे। योजना को नवा रायपुर के मास्टर प्लान के अनुसार ही डेवलप किया जाएगा। नवा रायपुर अटल नगर विकास प्राधिकरण ने प्रारूप तैयार कर लिया है। इसमें वो सभी सुविधाएं होंगी जो नए शहर में होनी चाहिए है। अंडरग्राउंड बिजली वायर, सीवरेज प्लांट, चौड़ी सड़कें, वाई-फाई, घरों में पाइपलाइन से एलपीजी की सप्लाई समेत सुविधाएं होंगी। यह योजना ग्राम बरौदा, रमचंडी, रीको, मंदिरहसौद तहसील, आरंग, सेरीखेड़ी, नकटी के तहत कुल 436.0152 हेक्टेयर क्षेत्र में विकसित की जा रही है।