IDFC फर्स्ट बैंक के अधिकारियों पर फर्जी दस्तावेजों के जरिए जमीन बेचने का आरोप, CEO सहित कई पर FIR

रायपुर। IDFC फर्स्ट बैंक के अधिकारियों पर फर्जी दस्तावेजों के जरिए गैर-मौजूद जमीन की बिक्री का गंभीर मामला सामने आया है। रायपुर निवासी नवनीत चौरसिया की शिकायत पर डीडी नगर थाना पुलिस ने बैंक के मुंबई मुख्यालय स्थित CEO, चेन्नई के ऋण वसूली प्रभाग अधिकारी, नागपुर के स्वपनील पाण्डेय और रायपुर के विनय सोनी सहित अन्य के खिलाफ FIR दर्ज की है।
शिकायत के मुताबिक, बैंक ने समाचार पत्र में दो अचल संपत्तियों की ई-नीलामी का विज्ञापन प्रकाशित किया था। नवनीत ने खसरा नंबर 364/5 और 364/21 की 1000 और 850 वर्ग फीट की दो संपत्तियों के लिए 5.52 लाख रुपये की बोली जीतकर डीडी और खाते के माध्यम से भुगतान भी कर दिया। बैंक ने 28 फरवरी 2023 को सौदा पत्र (Sale Certificate) भी जारी किया।
जमीन किसी और के नाम निकली, दस्तावेज देने से किया इनकार
लेकिन सौदा पूरा होने के बाद नवनीत को पता चला कि जिन खसरों की नीलामी हुई थी, वे जमीनें उस स्थान पर मौजूद ही नहीं हैं, और राजस्व रिकॉर्ड में अशोक चंद बैद और राहुल अवधिया के नाम दर्ज हैं। जब नवनीत ने बैंक अधिकारियों से दस्तावेज मांगे, तो उन्हें गुमराह किया गया और कोई जवाब नहीं मिला।
5 मार्च 2023 को जब नवनीत ने समाचार पत्र में सूचना प्रकाशित की, तो आलोक महावार ने आपत्ति जताई और तब जाकर जमीन के वास्तविक मालिकों की जानकारी मिली।
FIR में IPC की कई गंभीर धाराएं
अदालत के आदेश के बाद डीडी नगर पुलिस ने आरोपियों पर धारा 420 (धोखाधड़ी), 467 (जालसाजी), 468 (धोखाधड़ी के इरादे से जालसाजी), 471 (फर्जी दस्तावेज का प्रयोग), 120B (साजिश) और 34 (सामूहिक अपराध) के तहत मामला दर्ज कर लिया है।
फिलहाल पुलिस मामले की विस्तृत जांच कर रही है और यह भी पता लगाया जा रहा है कि इस नीलामी में और कितने लोगों को ठगा गया है।
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