RSS का शताब्दी वर्ष : आम सभा में बनी योजनाएं, हर मंडल में हिंदू सम्मेलन का होगा आयोजन

रायपुर। RSS : राष्ट्रीय स्वयंवेसक संघ की बेंगलुरु में हुई अखिल भारतीय सभा में किए गए फैसलों के बारे में यहां पर मध्यक्षेत्र संघचालक पूर्णेंदु सक्सेना और प्रांत सरसंघ चालक टोपलाल वर्मा ने जानकारी साझा की। सभा में अब देशभर में आरएसएस द्वारा हर राज्य में मंडलों में हिंदू सम्मेलन कराने का फैसला किया गया है। छत्तीसगढ़ में भी आरएसएस द्वारा हर मंडल में हिंदू सम्मेसन कराए जाएंगे। आरएसएस का यह वर्ष शताब्दी वर्ष है। इसमें कई कार्यक्रम हर राज्य में होंगे।
RSS: श्री सक्सेना ने बताया, विजयादशमी के दिन आरएसएस की स्थापना का शताब्दी वर्ष होगा। इसे संघ एक अवसर के रूप में प्रयोग करेगा। हमारा जो विचार है, उसको समाज तक ले जाने का प्रयास रहेगा। मंडल स्तर पर विजयादशमी के दिन हम लोगों तक पहुंच सके, ऐसी योजना बनी है। एक विस्तृत गृह संपर्क करने की योजना भी बनाई गई है। सभी मंडलों में हिंदू सम्मेलन कराया जाए, ऐसी योजना बन रही है। जिला स्तर पर प्रमुख नागरिकों के साथ परिचर्चा का आयोजन किया जाएगा। हर विमर्श, जो देश को तोड़ने वाला होता है, उसको खत्म करने का प्रयास किया जाएगा। श्री सक्सेना ने बताया, संघ की सर्वोच्च बॉडी, अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा की 21 से 23 मार्च तक बेंगलुरु में बैठक हुई। इसका संचालन दत्तात्रेय होसबोले ने किया। इसमें 40 से ज्यादा संगठनों ने हिस्सा लिया। संघ के कार्य में अभूतपूर्व विकास हुआ है। मार्च 2024 और 2025 के बीच 45600 से बढ़कर 51610 जगहों पर संघ का विस्तार हुआ है। सामाजिक समरसता पर भी समीक्षा हुई।
शताब्दी वर्ष में ये कार्यक्रम होंगे
RSS: शताब्दी वर्ष की शुरुआत विजयादशमी 2025 के अवसर पर होगी, जिसमें गणवेश (संघ गणवेश) में स्वयंसेवकों के मंडल, खंड/नगर स्तर के कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। नवंबर 2025 से जनवरी 2026 तक तीन सप्ताह तक बड़े पैमाने पर घर-घर संपर्क अभियान की योजना बनाई गई है, जिसका विषय हर गांव, हर बस्ती, घर-घर होगा। संपर्क के दौरान संघ साहित्य वितरित किया जाएगा और स्थानीय इकाइयों द्वारा कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। सभी मंडलों और बस्तियों में हिन्दू सम्मेलन आयोजित किए जाएंगे, जिसमें बिना किसी भेदभाव के प्रत्येक के जीवन में एकता और सद्भाव, राष्ट्र के विकास में सभी का योगदान और पंच परिवर्तन में प्रत्येक व्यक्ति की भागीदारी, का संदेश दिया जाएगा। खंड/नगर स्तर पर सामाजिक सद्भाव बैठकें आयोजित की जाएंगी, जिसमें एक साथ मिलकर रहने पर बल दिया जाएगा। इन बैठकों का उद्देश्य सांस्कृतिक आधार और हिन्दू चरित्र को खोए बिना आधुनिक जीवन जीने का संदेश देना होगा।
संघ बांग्लादेश के हिंदुओं के साथ
RSS: श्री सक्सेना ने कहा, बांग्लादेश में हाल ही में हुए तख्तापलट के बाद अन्य अल्पसंख्यकों के साथ हिन्दुओं की स्थिति और कठिन हो गई है। नृशंस हत्याएं, महिलाओं के अपहरण और मतांतरण की घटनाएं सामने आ रहीं हैं। यह मानवाधिकार का हनन है। हिंदुओं के साथ-साथ अन्य अल्पसंख्यक भी इससे प्रताड़ित हैं। संघ ने ऐसे समय में बांग्लादेश के हिंदुओं के साथ एक साथ खड़े रहने का प्रस्ताव पारित किया है। श्री सक्सेना ने बैठक में बांग्लादेश के मुद्दे पर हुई चर्चा की जानकारी देते हुए बताया कि बांग्लादेश में निरंतर बढ़ती जनसंख्या घट गई है, यह चिंता का विषय है। बांग्लादेश से आ रहे वक्तव्य दोनों देशों के बीच मतभेद पैदा कर रहे हैं। एक जगह पर हुई उथल-पुथल अन्य जगहों को भी प्रभावित करती है। बांग्लादेश के हिंदू समाज ने लोकतांत्रिक तरीके से विरोध किया है। विश्व भर के हिंदू समाज ने उन्हें समर्थन किया है। विश्व भर के अनेक नेताओं ने अपने स्तर पर इसे उठाया है। उन्होंने बताया, प्रतिनिधि सभा ने भारत सरकार से अनुरोध किया है कि वहां के हिंदुओं की सुरक्षा के लिए उनके अधिकारों के लिए वहां की सरकार से बातचीत करे। वहां की सरकार पर दबाव बनाकर बातचीत करेष सभी हिन्दू संगठन एक साथ होकर इसके खिलाफ आवाज उठाए।