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CG पार्षद पद के लिए दो सगे भाइयों में टक्कर : बड़ा भाई भाजपा से प्रत्याशी तो छोटे को कांग्रेस ने बनाया अपना उम्मीदवार

कुरुद। छत्तीसगढ़ के कुरूद में नगर पंचायत के वार्ड 10 में पार्षद का मुकाबला रोचक हो गया है। राजनीतिक दल अपने-अपने फायदे के लिए भाई से भाई को लड़ा रहे हैं। यहां दो सगे भाई प्रमुख राजनीतिक दलों के टिकट से आमने सामने चुनाव मैदान में हैं। भाजपा ने बड़े भाई कमलेश ध्रुव को अपना उम्मीदवार बनाया है। वहीं कांग्रेस ने छोटे भाई अर्जुन ध्रुव को मैदान में उतारा है। दोनों भाई कभी बचपन में एक साथ खेला करते थे, अब चुनावी मैदान में दोनों भाई एक-दूसरे के खिलाफ आमने-सामने लड़ रहे है।

मिली जानकारी के अनुसार, दोनों सगे भाई हैं जो एक दूसरे के सुख दुःख के साथी थे। वे चुनाव में एक दूसरे के कट्टर राजनीतिक दुश्मन बन गये हैं। उन्हें अलग-अलग पार्टी ने टिकट दे कर दोनों भाइयों के बीच एक दरार पैदा कर दी है। प्रचार के दौरान यह दरार खाई में नजर आएगी क्योंकि वोट मांगने अंततः जनता के पास निकलना पड़ेगा और बिना बुराई के वोट मिलना नहीं है बुराई भी चाहे पार्टी की हो चाहे व्यक्तिगत हो।

विकास के नाम पर मांग रहे वोट 

बड़े भाई कमलेश का कहना है कि, भाजपा पार्टी ने पहले उसे अधिकृत किया। उस के बाद विरोधियों ने उनके विरोध में योग्य प्रत्याशी नही मिला तो दोनो भाइयों को आपस में लड़ाने की रणनीति बना लिया। वे अपने वार्ड में सर्वांगीण विकास के लिए विकास कराने वाली पार्टी से चुनाव लड़ रहा है। छोटा भाई भटक गया है, फिर भी अगर चुनाव में हम दोनों भाइयों में से कोई जीते परिवार में खुशी ही रहेगी। वहीं छोटा भाई अर्जुन का कहना है कि, कांग्रेस पार्टी से मेरा टिकट तय था। मैं भाजपा के 20 साल और कांग्रेस के बीते पांच साल के विकास को गिना कर वोट मांग रहा हूँ। मेरे वार्ड में पिछले पांच साल में जो काम हुआ है अब तक कोई नही करा पाया है। दोनों भाइयों का कहना है कि प्रचार में वे व्यक्तिगत आरोप से बच वार्ड के विकास के मुद्दों पर बात करते है। हमारी लड़ाई दो भाइयों के बीच न होकर मुद्दे पर हो रही है।

क्या कहते हैं वार्डवासी और परिवार वाले

वार्ड 10 के मतदाताओं व आम नागरिकों का कहना है कि यह वार्ड शुरू से भाजपा का गढ़ रहा है। पिछले नगरीय निकाय चुनाव में बड़ा उलटफेर हुआ, कांग्रेस से तुमेश्वरी ध्रुव चुनाव जीतने के बाद भाजपा में शामिल हो गई थी। इस बार वार्ड 10 से दो ही प्रत्याशी होने से चुनावी समीकरण भी स्पष्ट है। दोनों में से एक भाई का जीत तय है।दोनों प्रत्याशियों के पिता लच्छन ध्रुव ने कहा कि यह लड़ाई हम दोनों भाइयों के बीच न होकर भाजपा और कांग्रेस के बीच है। दोनों बेटों को पार्षद का टिकट मिला है, इससे परिवार में खुशी है। दोनों में से कोई भी जीते पार्षद तो उनके परिवार से ही बनेंगे।

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