छत्तीसगढ़ में निकाय चुनाव को लेकर सियासी हलचल तेज, कम समय ने बढ़ाई कांग्रेस-भाजपा की परेशानी
रायपुर : छत्तीसगढ़ में नगरीय निकाय चुनाव के लिए आचार संहिता लागू हो चुकी है. 22 जनवरी से निकायों में नामांकन का दौर भी प्रारंभ हो गया है, लेकिन अब तक सियासी दल प्रत्याशी तय तक नहीं कर पाए हैं. हैरत की बात यह है कि सियासी दलों को अपना प्रत्याशी चुनने के लिए पांच दिन से भी कम समय मिलने वाला है. यही वजह है कि सियासी दलों में चुनाव का ऐलान होते ही उठा-पटक भी तेज हो गई है.
छत्तीसगढ़ निकाय चुनाव
छत्तीसगढ़ में नगरीय निकाय चुनाव के लिए नामांकन दाखिल करने की शुरुआत हो गई है. अब तक किसी भी दल के प्रत्याशी तय नहीं हो सके हैं. प्रदेश के 10 नगर निगमों, 45 नगर पालिकाओं और 114 नगर पंचायतों के 2800 से अधिक वार्डों के लिए सियासी दलों को 28 जनवरी के पहले न सिर्फ प्रत्याशी तय करना है. बल्कि उन्हें बीफार्म समेत तमाम प्रक्रियाएं पूरी कर नामांकन भी दाखिल कराना है. सियासी दलों के लिए यह बड़ी चुनौती है क्योंकि उन्हें अपना प्रत्याशी चुनने के लिए सिर्फ पांच दिन का समय मिलेगा.
ऐसे में तीन हजार से अधिक नामों पर फैसला कर पाना आसान नहीं है.प्रत्याशी चयन के साथ ही बागियों को रोकना और रूठों को मनाना भी होगा क्योंकि प्रत्याशियों की नाम वापसी की अंतिम तारीख 31 जनवरी तय की गई है. हैरानी की बात यह भी है कि 31 जनवरी को प्रत्याशियों की नाम वापसी के बाद प्रचार के लिए सिर्फ 10 दिन का ही समय मिलेगा. नगरीय निकाय चुनाव के लिए मतदान 11 फरवरी को होगा.
सियासी दलों में हलचल तेज
सियासी दलों में अब प्रत्याशी चयन की प्रक्रिया को लेकर हलचल तेज होती नजर आ रही है. कांग्रेस ने जहां जिला स्तर पर प्रत्याशी चयन के लिए समितियों का गठन किया है. वहीं, भाजपा भी संभागीय समितियों की बैठक कर नाम तय करने की प्रक्रिया अपनाई रही है. पूर्व कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष धनेंद्र साहू ने कहा कि उनकी पार्टी की तैयारी थी. जितने भी निर्देश दिए गए हैं, सभी जिला कांग्रेस कमिटी और ब्लॉक कांग्रेस कमिटी प्रत्याशी चयन की प्रक्रिया कर रही है.
कांग्रेस को घर बैठाने का मन बना चुकी है जनता-डिप्टी सीएम अरुण साव
एक तरफ जहां कांग्रेस अभी तक प्रत्याशी चयन को लेकर कोई कदम नहीं उठा पाई है, तो वहीं दूसरी तरफ भाजपा भी प्रत्याशी चयन के दौड़ पर पीछे है. बीजेपी ने प्रत्याशी की घोषणा के लिए 25 जनवरी तक का डेडलाइन रखी है. इसे लेकर डिप्टी सीएम अरुण साव ने कहा कि जहां तक भाजपा की बात है संभाग स्तर की बैठक हो चुकी है. जिले के चयन समिति की बैठक भी हो गई है अब संभाग चयन समिति की बैठक है. समय पर प्रत्याशियों का चयन कर लिया जाएगा. वहीं, कांग्रेस पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी केवल एक परिवार द्वारा संचालित है और वहां अस्तित्व को लेकर आपसी झगड़े बढ़ते जा रहे हैं. उन्होंने दावा किया कि लोरमी, बिलासपुर समेत कई क्षेत्रों में कांग्रेस के नेता आपस में ही लड़ाई कर रहे हैं. जनता इस राजनीतिक खींचतान का मजा ले रही है और कांग्रेस को घर बैठाने का मन बना चुकी है.
छत्तीसगढ़ में नगरीय निकाय और पंचायती राज संस्थाओं के चुनाव के लिए बिगुल बज चुका है. पहली बार होगा जब महज 35 दिनों में नगरीय निकाय और पंचायती राज संस्थाओं के चुनाव संपन्न करा लिए जाएंगे. ऐसे में जनता के पास भी अपना प्रतिनिधि चुनने के लिए कम समय होगा. बेहद कम अवधि में कौन सा दल जनता तक अपनी बातें पहुंचा पाता है और किसे सफलता मिलती है यह देखना दिलचस्प होगा.