सुप्रीम कोर्ट का केंद्र से सख्त सवाल: पूछा- मुफ्त राशन की रेवड़ी ही बांटते रहेंगे, तो रोजगार कब देंगे?

Supreme Court on Free Ration: सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार (9 दिसंबर) को केंद्र सरकार की मुफ्त राशन योजना को लेकर सरकार से कड़े सवाल किए। जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस मनमोहन की बेंच ने कहा, “सरकार रोजगार के अवसर क्यों नहीं बना रही? कब तक फ्री राशन की रेवड़ी बांटी जाएगी?”  कोर्ट ने यह टिप्पणी ई-श्रम पोर्टल से जुड़े प्रवासी मजदरों और अकुशल मजदूरों को मुफ्त राशन कार्ड देने के मामले पर सुनवाई के दौरान की। कोर्ट ने कहा कि सरकार को रोजगार और क्षमता निर्माण पर ज्यादा जोर देना चाहिए।

81 करोड़ लोगों को मिल रहा राशन, टैक्सपेयर्स रह गए बाहर  
सुप्रीम कोर्ट ने हैरानी जताई कि राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (NFSA) के तहत 81 करोड़ लोगों को मुफ्त या रियायती राशन मिल रहा है। सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता और अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल ऐश्वर्या भाटी ने यह जानकारी दी। इस पर बेंच ने कहा, “इसका मतलब है कि सिर्फ टैक्सपेयर ही इससे बाहर हैं।” कोर्ट ने केंद्र से पूछा कि क्या मौजूदा योजनाओं को रोजगार सृजन की दिशा में बदला जा सकता है।

प्रवासी मजदूरों के लिए राशन या रोजगार?  
एनजीओ के वकील प्रशांत भूषण ने प्रवासी मजदूरों के लिए मुफ्त राशन की वकालत की। उन्होंने कहा, “ई-श्रम पोर्टल पर पंजीकृत श्रमिकों को राशन मिलना चाहिए।” लेकिन बेंच ने कहा, “रोजगार और क्षमता निर्माण पर जोर क्यों नहीं दिया जाता?” कोर्ट ने कहा कि राज्यों को भी इसमें अपनी जिम्मेदारी समझनी चाहिए और इसमें भागीदार बनना चाहिए।

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