CG Crime : एसपी की बड़ी कार्रवाई, डीजल चोर गिरोह के 7 सदस्य चढ़े पुलिस के हत्थे, 6 पुलिसकर्मी हुए सस्पेंड…

जिले में एसपी सिद्धार्थ तिवारी ने अवैध गतिविधियों पर कड़ी कार्रवाई की है। दीपका थाना पुलिस ने एसईसीएल की खदानों से डीजल चोरी करने वाले गिरोह के 7 सदस्यों को गिरफ्तार किया है।

जिले में एसपी सिद्धार्थ तिवारी ने अवैध गतिविधियों पर कड़ी कार्रवाई की है। दीपका थाना पुलिस ने एसईसीएल की खदानों से डीजल चोरी करने वाले गिरोह के 7 सदस्यों को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने उनके कब्जे से 2345 लीटर चोरी का डीजल जब्त किया है। एसपी तिवारी की सख्ती के बाद पुलिस कर्मियों की मिलीभगत का भी पर्दाफाश हुआ, जिसके चलते 6 पुलिसकर्मियों को निलंबित किया गया है।

बता दें कि दीपका थाना पुलिस को 22 दिसंबर 2024 की रात एसईसीएल गेवरा खदान के सुरक्षा अधिकारी से सूचना मिली थी कि एक बोलेरो वाहन (सीजी 12 बीएल 6960) में डीजल चोरी हो रहा था। सुरक्षा अधिकारी ने वाहन को पकड़ने का प्रयास किया, लेकिन वाहन के चालक और गैंग के सदस्य मौके से फरार हो गए। सूचना मिलते ही एसपी सिद्धार्थ तिवारी ने तत्काल कार्रवाई करने के निर्देश दिए। पुलिस ने वाहन का नंबर और अन्य सुरागों के आधार पर छापेमारी की और पुरुषोत्तम और नवीन नामक दो गैंग के 7 आरोपी पुरूषोत्तम कुमार यादव, देवचरण चौहान, राजेन्द्र साहू, शेख उर्फ बिट्टू, अर्जुन सिंह, देवानंद खूंटे और रवि बरेश को गिरफ्तार किया। इन लोगों के कब्जे से पुलिस ने दो बोलेरो वाहन और 2345 लीटर डीजल बरामद किया गया।

पुलिस कर्मियों की मिलीभगत, 6 निलंबित-

इस बड़े खुलासे के दौरान पुलिस ने पाया कि डीजल चोर गैंग के साथ कुछ पुलिस कर्मियों की मिलीभगत थी। जांच के दौरान यह तथ्य सामने आया कि साइबर सेल में पदस्थ हेड कांस्टेबल राजेश कंवर, आरक्षक रितेश शर्मा, हरदीबाजार थाना में पदस्थ आरक्षक कमल कैवत्र्य, आरक्षक तिलक पटेल, कुसमुंडा थाना में पदस्थ आरक्षक धीरज पटेल और त्रिलोचन सागर का संदिग्ध आचरण पाया गया। इन पुलिस कर्मियों के खिलाफ जांच के बाद एसपी तिवारी ने सभी को निलंबित कर दिया। पुलिस विभाग में इस कार्रवाई से एक संदेश गया है कि अब कोई भी पुलिसकर्मी इस तरह की अवैध गतिविधियों में शामिल नहीं रहेगा।

एसईसीएल सिक्योरिटी पास भी बरामद-

पुलिस ने जब गिरोह के दो बोलेरो वाहनों की जांच की, तो एक बोलेरो वाहन से एसईसीएल का सिक्योरिटी पास भी बरामद किया। यह पास खदानों में प्रवेश करने के लिए उपयोग किया जाता था। पुलिस इस बात की जांच कर रही है कि यह सिक्योरिटी पास गैंग के पास कैसे पहुंचा और किसकी मदद से इसका इस्तेमाल किया गया। इससे यह संकेत मिलता है कि इस डीजल चोरी के गिरोह में एसईसीएल के कुछ सुरक्षा कर्मी भी शामिल हो सकते हैं।

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