पुंछ : जम्मू-कश्मीर में गुरुवार को बड़ा हादसा हो गया, जिसमें देश ने पांच जवानों को खो दिया। दरअसल,पुंछ जम्मू नेशनल हाइवे पर सेना की गाड़ी में भीषण आग लग गई। इस हादसे में 5 जवान शहीद हुए हैं, जबकि जबकि एक घायल हैं उनका अस्पताल में इलाज जारी है। इस भीषण हादसे में भारतीय सेना के हवलदार मनदीप सिंह, लायंस देवाशीष बसवाल, लायंस एनके कुलवंत सिंह, सिपाही हरकिशन सिंह और सिपाही सेवक सिंह शहीद हो गए हैं।
सेना से शहीद जवानों के बलिदान को किया सलाम
थल सेनाध्यक्ष जनरल मनोज पांडे और भारतीय सेना के सभी रैंकों ने 5 भारतीय सेना के जांबाज हवलदार मनदीप सिंह, लायंस देवाशीष बसवाल, लायंस एनके कुलवंत सिंह, सिपाही हरकिशन सिंह और सिपाही सेवक सिंह के सर्वोच्च बलिदान को सलाम किया। जिन्होंने 20 अप्रैल 23 को पुंछ सेक्टर में ड्यूटी के दौरान अपनी जान दे दी। सेना ने कहा कि हम शोक संतप्त परिवारों के साथ एकजुटता से खड़े हैं।
आतंकियों ने किया ग्रेनेड का इस्तेमाल
भारतीय सेना के अधिकारियों के मुताबिक बीती गुरुवार की दोपहर लगभग तीन बजे राजौरी सेक्टर में भीमबेर गली और पुंछ के बीच हाइवे से सेना का वाहन गुजर रहा था। इसी दौरान अज्ञात आतंकवादियों ने सेना के वाहन पर गोलीबारी की, जिससे गाड़ी में आग लग गई और 5 जवान उसमें शहीद हो गए। जानकारी के मुताबिक, इस आतंकी हमले में आतंकवादियों ने ग्रेनेड का भी इस्तेमाल किया, जिससे वाहन में आग लगी थी। भारी बारिश और कम दृश्यता का फायदा उठाते हुए इस वारदात को अंजाम दिया गया था।
भाटाधुलियान जंगल में कई बार हो चुकी है मुठभेड़
घटना की सूचना मिलते ही आर्मी के उच्च अधिकारी और पुलिस टीम मौके पहुंची और मामले की जांच में जुट गई है। आतंकियों को ढूंढने के लिए पूरे क्षेत्र में सर्च ऑपरेशन चलाया जा रहा है। पुंछ के संगयोट में जिस जगह यह धमाका हुआ, इससे मात्र दो से तीन किलोमीटर की दूरी पर भाटा धुलियान जंगल है। यह वही जंगल है, जहां कई बार आतंकियों और सुरक्षाबलों के बीच मुठभेड़ हो चुकी है।
आतंकियों के छिपे होने की मिलती हैं सूचनाएं
इस जंगल में कई बार आतंकियों के छिपे होने की सूचनाएं भी मिलती रही हैं। सेना ने इस जंगल को कई बार खंगाला भी, लेकिन कभी आतंकियों का सुराग नहीं मिला। जानकारी के अनुसार, आतंकरोधी अभियानों के लिए तैनात सेना की राष्ट्रीय राइफल के जवानों का एक वाहन दोपहर करीब तीन बजे बीजी से पुंछ की तरफ जा रहा था। उस समय क्षेत्र में तेज वर्षा हो रही थी, जिससे दृश्यता काफी कम थी।