कवर्धा। छत्तीसगढ़ के कवर्धा जिले के लोहारीडीह में पुलिस ने आगजनी और हत्या के आरोप मे 169 लोगों के खिलाफ नामजद 5 अलग- अलग FIR दर्ज किया था। जिसके बाद पुलिस ने 69 लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। जहां हत्या के आरोप में विचाराधीन कैदी प्रशांत साहू की मौत जेल में हो गई थी। शनिवार को इस मामले में सुनवाई करते हुए जिला सत्र न्यायालय ने 68 आरोपियों में से 23 लोगों को दोषमुक्त कर दिया है। इन 23 लोगों को 4 धाराओं मे दोषमुक्त कर दिया है।
इस पूरे मामले को लेकर डीएसपी कृष्णा चंद्राकर ने कहा कि, उस समय सरकार ने तत्काल एक्शन लेते हुये तत्कालीन एएसपी विकास कुमार को निलंबित कर दिया था। रेंगाखार थाना के पुरे स्टाफ को लाईन हाजिर कर एसआईटी और न्यायिक जांच का आदेश दिया था। यहां तक कि, जिले के एसपी और कलेक्टर को भी हटा दिया गया था। जिला सत्र न्यायालय ने आज जेल मे बंद 23 लोगों को 4 धाराओं मे दोषमुक्त कर दिया है।
यह था पूरा मामला
दरअसल, 15 सितंबर को मध्यप्रदेश के बीजाटोला गांव के खार में शिव प्रसाद उर्फ कचरू साहू की लाश फांसी के फंदे पर लटकती हुई मिली थी। शिव प्रसाद उर्फ कचरू साहू ने आत्महत्या नहीं की थी, उसकी हत्या कर आरोपियों ने अपना जुर्म छुपाने के लिए आत्महत्या का रूप देकर फांसी के फंदे में लटका कर फरार हो गए थे। बिरसा पुलिस ने हत्या के आरोप में ग्रामीणों द्वारा घर पर आग लिए दिए जाने से जान गंवाने वाले रघुनाथ साहू के बेटे दिनेश साहू सहित 4 लोगों को गिरफ्तार किया हैं। आरोपियों में रघुनाथ साहू का भांजा रोमन साहू, टेकचंद पटेल और राखीलाल साहू निवासी मध्यप्रदेश के बनाफरटोला बिरसा थाना जिला बालाघाट का रहने वाला है। ये सभी आरोपी मृतक रघुनाथ साहू परिवार के करीबी हैं।