रायगढ़। रायगढ़ जिले में बुधवार को हुई एक दर्दनाक घटना ने पूरे इलाके को स्तब्ध कर दिया। स्थानीय निवासी गुरुदेव सोनी ने जिला प्रशासन को दी गई शिकायत में बताया कि उनके छोटे भाई गनपत सोनी की मौत उस वक्त हो गई जब वह बाबाधाम रोड स्थित निर्माणाधीन भवन के दूसरे मंजिल के छज्जे पर काम कर रहे थे। निर्माण के दौरान ऊपर से गुज़र रहे 11 केवी हाई वोल्टेज तार के संपर्क में आकर गणपत सोनी गंभीर रूप से घायल हो गए और अस्पताल ले जाने के बाद उनकी मौत हो गई।
मृतक के बड़े भाई गुरुदेव सोनी का कहना है कि इस भवन निर्माण का ठेका ठेकेदार फड़ीद्र पटेल के पास है और पिछले आठ महीनों से इस भवन का निर्माण कार्य जारी था। उन्होंने आरोप लगाया कि निर्माण कार्य के दौरान कई बार ठेकेदार द्वारा मालिक आनंद चौबे को हाई वोल्टेज विद्युत तार के नीचे निर्माण कार्य न करने की चेतावनी दी गई थी। इसके बावजूद मकान मालिक बार-बार नक्शे में बदलाव करता रहा, जिससे अंततः यह हादसा हो गया।
भवन मालिक और विद्युत विभाग पर गंभीर आरोप…
गुरुदेव ने आरोप लगाया कि भवन मालिक और विद्युत विभाग के कर्मचारियों के बीच साठगांठ से बिना किसी विधिवत अनुमति के इस तरह का कार्य कराया गया। उनके अनुसार, घटना से कुछ दिन पहले विद्युत विभाग के कर्मचारियों ने हाई वोल्टेज तार पर प्लास्टिक का पाइप चढ़ाकर सुरक्षा का झूठा आश्वासन दिया। मकान मालिक के दावे पर विश्वास करते हुए गनपत सोनी ने तार को छूकर भी देखा, जिससे उन्हें करंट नहीं लगा और उन्होंने काम जारी रखा। लेकिन हादसे के दिन अचानक तार में करंट आ गया और गनपत तार की चपेट में आकर लगभग 20 फीट की ऊंचाई से गिर गए, जिससे उनकी मृत्यु हो गई।
मौके पर मौजूद अन्य मजदूरों का बयान….
घटना के समय मौके पर अन्य मजदूर भी मौजूद थे। इनमें गुरुदेव सोनी और उनकी भाभी पुष्पा सोनी, स्यामु और कौशल्या नामक मजदूर शामिल थे। उन्होंने भी तार को छूकर करंट का परीक्षण किया था, और मकान मालिक के आश्वासन के आधार पर उन्हें काम में कोई जोखिम महसूस नहीं हुआ। उन्होंने भी इस हादसे के लिए मकान मालिक और विद्युत विभाग की लापरवाही को जिम्मेदार ठहराया है।
पीड़ित परिवार की मांग: दोषियों पर कड़ी कार्रवाई और मुआवजा दी जाए
गुरुदेव सोनी ने जिला प्रशासन से मांग की है कि मकान मालिक, और विद्युत विभाग की भूमिका की निष्पक्ष जांच कर सभी दोषियों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जाए। उन्होंने यह भी अपील की है कि मृतक की पत्नी को उचित मुआवजा दिया जाए। उनकी शिकायत को पुलिस अधीक्षक, जिला कलेक्टर, विद्युत विभाग, टाउन एंड कंट्री प्लान विभाग, श्रम विभाग और मुख्यमंत्री तक पहुंचाया गया है ताकि पीड़ित परिवार को न्याय मिल सके।।