सप्ताह का हर दिन किसी न किसी देवता को समर्पित माना जाता है। इसी तरह बुधवार का दिन भी भगवान गणेश को समर्पित माना जाता है। इस दिन विधि-विधान से भगवान गणेश की पूजा की जाती है। साथ ही उनके निमित्त व्रत भी रखा जाता है।
धार्मिक मान्यता है कि ऐसा करने से भगवान गणेश की कृपा प्राप्त होती है और संकटों से मुक्ति मिलती है। अगर विधिपूर्वक भगवान गणेश की पूजा की जाए तो भगवान प्रसन्न होते हैं और जातक की हर मनोकामना पूरी करते हैं। आइए, जानते हैं कि बप्पा की पूजा किस तरह करनी चाहिए।
भगवान गणेश पूजा विधि
बुधवार के दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठें और भगवान गणेश का ध्यान करके अपने दिन की शुरुआत करें।
इसके बाद स्नान कर हरे वस्त्र धारण करें। भगवान गणेश को हरा रंग क्यों प्रिय होता है।
इसके बाद सूर्य देव को जल अर्पित करें।
अब एक चौकी पर लाल या पीला कपड़ा बिछाएं और भगवान गणेश की मूर्ति स्थापित करें।
भगवान गणेश को फूल और दूर्वा चढ़ाएं।
देसी घी का दीपक जलाएं और आरती करें।
इसके बाद गणेश चालीसा और मंत्रों का जाप जरूर करें।
बप्पा को फल, मोदक और मिठाई का भोग लगाएं।
बाद में प्रसाद को लोगों में बांट दें।
श्रद्धा के अनुसार गरीबों को विशेष चीजें भी दान करें।
पूजा के दौरान इन मंत्रों का करें जाप
गणेश गायत्री मंत्र
ॐ एकदंताय विद्महे, वक्रतुण्डाय धीमहि, तन्नो दंती प्रचोदयात् ॥
ॐ महाकर्णाय विद्महे, वक्रतुण्डाय धीमहि, तन्नो दंती प्रचोदयात् ॥
ॐ गजाननाय विद्महे, वक्रतुण्डाय धीमहि, तन्नो दंती प्रचोदयात् ॥
गणेश बीज मंत्र
ऊँ गं गणपतये नमो नमः ।
विघ्न नाशक मंत्र
गणपतिर्विघ्नराजो लम्बतुण्डो गजाननः ।
द्वैमातुरश्च हेरम्ब एकदन्तो गणाधिपः ॥
विनायकश्चारुकर्णः पशुपालो भवात्मजः ।
द्वादशैतानि नामानि प्रातरुत्थाय यः पठेत् ॥
विश्वं तस्य भवेद्वश्यं न च विघ्नं भवेत् क्वचित् ।