महिलाओं ने संभाला मोर्चा, अब शराबियों की खैर नहीं

ग्राम पतरापाली में अवैध शराब बिक्री पर कार्रवाई के लिये पुलिस को सौंपा ज्ञापन। घरघोड़ा के आदिवासी क्षेत्र पतरापाली में कच्ची शराब का अवैध कारोबार गली-कूचों तक फैला हुआ है।

बरौद कालरी। ग्राम पतरापाली में अवैध शराब बिक्री पर कार्रवाई के लिये पुलिस को सौंपा ज्ञापन। घरघोड़ा के आदिवासी क्षेत्र पतरापाली में कच्ची शराब का अवैध कारोबार गली-कूचों तक फैला हुआ है। शराबियों के रोज के कलह और विवाद से महिलाएं परेशान हैं ।अनेकों घर टूटने के कगार तक जा पहुंचे हैं। ऐसे में गांव की मुखिया ने उप सरपंच एवं ग्राम सभा अध्यक्ष के सहयोग से शराबियों की नकेल कसने की तैयारी कर ली है।

उन्होंने पुलिस स्टेशन में ज्ञापन के जरिए गांव में अवैध शराब पर सख्ती से कार्रवाई की मांग की है। पिछले कुछ समय से ग्राम पतरापाली अशांत वातावरण से जूझ रहा है । घरों में रोज की कहा-सुनी और विवाद से महिलाएं तंग आ चुकी है । वे करें भी तो क्या ? शराबियों पर उनके कहने का कोई असर ही नही होता! गांव के गली-कूचों तक कच्ची शराब बनाने का अवैध कारोबार जोरो से चल रहा है। गांव से ही आसपास के अनेक होटल , ढाबों तक कच्ची शराब की सप्लाई चेन बनी हुई है। आदिवासी गांव होने से पुलिस और एक्साइज विभाग भी पतरापाली पर सख्ती दिखाने से बचता रहा है। ऐसे में गांव की मुखिया ने अपने सहयोगी उप सरपंच एवं ग्रामसभा प्रधान के साथ मिलकर गांव को शराबियों से मुक्त कराने का बीड़ा उठाया है। उन्होंने गांव में अमन-चैन के लिये महिलाओं को संगठित करने के बाद घरघोड़ा पुलिस स्टेशन में ज्ञापन देकर कच्ची शराब के अवैध कारोबार के खिलाफ ठोस कार्रवाई की मांग की है। ज्ञापन में विस्तार से जानकारी दी गई है कि शराबियों की मनमानी से किस तरह टेरम , पतरापाली का माहौल बिगड़ा हुआ है।

20 वर्ष पहले भी चलाई गई थी मुहिम
क्षेत्र में शराबियों के खिलाफ महिलाएं हमेशा से सजग रही हैं , उन्हें जब कभी सीमा लांघने का खतरा महसूस हुआ। वे शराबियों के खिलाफ मुहिम चलाने में जरा भी देर नही की है , 20 वर्ष पहले भी इस अंचल में महिलाओं ने अवैध शराब की बिक्री रोकने के लिये एक बड़ा अभियान चलाया था। उसकी चर्चा राजधानी तक सुनी गई , पुराने लोग आज भी उस आंदोलन की कहानी सुनाते हैं।

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