सनातन धर्म में सुहागिन महिलाओं के विशेष पहनाव को काफी महत्व दिया गया है। वह मांग में सिंदूर, पांव पायल, पैर की ऊंगलियों में बिछिया व गले में मंगलसूत्र पहनती हैं। इसके अलावा हाथों में कांच की चूड़ियों का भी विशेष महत्व है। यह परंपरा काफी पुरानी है, क्यों कि देवियों को भी मूर्तियों में चूड़ी पहने दिखाया गया है। इस लेख में ज्योतिषाचार्य पंडित अरविंद त्रिपाठी ने विस्तार से बताया है कि आखिर सुहागिन महिलाओं को चूड़ियां क्यों पहननी चाहिए।
सीप की चूड़ी पहनने के लाभ
सीप की चूड़ी माता लक्ष्मी से संबंधित होती है। महिलाएं अगर सीप की चूड़ी पहनती हैं, तो उनके पति को कभी भी आर्थिक परेशानी का सामना नहीं करना पड़ेगा। महिलाओं को भी यह लाभ देता है, क्यों कि उनका चंद्र ग्रह मजबूत होता है।
सुहाग का प्रतीक है चूड़ियां
सुहिगन महिलाओं के लिए चूड़ियों को पहनना जरूरी बताया गया है, क्यों कि यह पति की आयु को बढ़ाती है। इसको 16 श्रृंगारों में जगह दी गई है। मां दुर्गा को जब श्रृंगार का सामान चढ़ाया जाता है, तो उसमें चूड़ियों को भी रखा जाता है। चूढ़ियों का दान करना सकारात्मक माना जाता है।