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शराबबंदी के लिए आगे आईं महिलाएं, दो घरों में दबिश; शराब और महुआ भारी मात्रा में बरामद

avaidh sharab

कोरबा : विशेष पिछड़ी जनजाति के लोग भी अब शराब बनाने और बेचने के कारोबार से तौबा कर रहे हैं। उनके द्वारा इस अवैध कारोबार की खिलाफत की जा रही है। यह खुलासा उस वक्त हुआ, जब आबकारी की टीम ने गुडरूमुड़ा के दो घरों में दबिश दी। टीम की मदद के लिए बिरहोर जनजाति की महिलाएं सामने आई। उनकी मदद से टीम  ने घर की तलाशी लेते हुए न सिर्फ 22 लीटर शराब जब्त की। बल्कि 1400 किलो महुआ लहान को भी नष्ट कर दिया।

कलेक्टर अजीत वसंत ने लोकसभा चुनाव के मद्देनजर अवैध शराब सहित तमाम मादक पदार्थों के कारोबार पर रोक लगाने के निर्देश जारी किए हैं। उनके निर्देश पर अमल करने आबकारी विभाग के सहायक आयुक्त सौरभ बख्शी ने वृत्त प्रभारियों को दिशा-निर्देश दिया है।

इसी कड़ी में कटघोरा वृत्त की टीम को कामयाबी मिली। दरअसल, वृत्त प्रभारी आबकारी उप निरीक्षक आशीष उप्पल को गुडरूमुड़ा के ग्रामीणों से गांव में रहने वाले दो परिवार द्वारा बड़े पैमाने पर शराब बनाने और बेचने की शिकायत मिल रही थी, जबकि गांव में रहने वाले विशेष पिछड़ी जनजाति में शामिल बिरहोर समुदाय के लोगों ने इस अवैध कारोबार से तौबा कर चुका था।

इस परिस्थिति में गांव के माहौल पर बुरा असर पड़ रहा था। वृत्त प्रभारी उप्पल ने मामले से सहायक आयुक्त को अवगत कराया। सहायक आयुक्त के निर्देश पर एसआई उप्पल  के नेतृत्व में टीम रवाना हुई। टीम ने जैसे ही गांव में रहने वाली कवली बाई यादव (67 वर्ष) व शालिनी (23 वर्ष) के घर दबिश दी।

इसकी भनक गांव की अन्य महिलाओं को लग गई। वे भारी संख्या में मौके पर जा पहुंची। उनकी मदद से आबकारी अमले ने तलाशी अभियान शुरू कर दिया। इस दौरान दोनों घरों से 22 लीटर महुआ शराब के अलावा अलग-अलग बर्तनों में 1400 किलो महुआ लहान बरामद हुआ।

टीम ने ग्रामीणों के सामने ही महुआ लहान को नष्ट कर दिया। मामले में वैधानिक कार्रवाई उपरांत आरोपियों को जेल दाखिल कराया गया है। कार्रवाई में मुख्य आबकारी आरक्षक अजय तिवारी, राजीव जायसवाल, आरक्षक दसराम सिदार, सुरेश यादव, महिला नगर सैनिक अंबिका सांडे व दीपक सिंह की सराहनीय भूमिका रही।

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