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मुठभेड़ में मारी गई 5 लाख की ईनामी महिला नक्सली, 303 रायफल के साथ भारी मात्रा में नक्सली सामग्री जब्त

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कांकेर : जिले के धुर नक्सल प्रभावित छोटे बेठिया थाना क्षेत्र के बिनागुंडा के जंगल में सोमवार को हुई मुठभेड़ में मृत महिला नक्सली की पहचान आरकेबी डिवीजन की मेंबर सुनीता के रूप में हुई है। इस पर 5 लाख रुपए का इनाम घोषित था। मुठभेड़ के बाद घटनास्थल से 303 रायफल के साथ भारी मात्रा में नक्सलियों की सामग्री जब्त की गई है। एसपी दिव्यांग पटेल ने मामले का खुलासा किया है।

पुलिस को सूचना मिली थी कि नक्सलियों के टॉप लीडर आरकेबी डिवीजन का सचिव विजय रेड्डी, उत्तर बस्तर डिवीजन प्रभारी राजमन भास्कर और आरकेबी डिवीजन का प्रभारी बलदेव एक बड़ी टीम के साथ माड़ के नजदीक ठिकाना बनाए हुए है, जिस पर DRG और BSF की संयुक्त टीम को इलाके के लिए रवाना किया गया था। रविवार की रात जवानों की टीम जंगल में सर्च करती रही, लेकिन नक्सलियों से सामना नहीं हुआ।

सोमवार सुबह करीब 7 बजे बिनागुण्डा के जंगल में नक्सलियों ने जवानों को देखते ही उन पर फायरिंग शुरू कर दी। जवानों ने भी तुरंत मोर्चा संभालते हुए नक्सलियों को मुंहतोड़ जवाब दिया।दोनों ओर से लगभग 3 घंटे तक रुक-रुक कर फायरिंग जारी रही। खुद को घिरता देख नक्सलियों के टॉप लीडर्स विजय रेड्डी और राजमन भास्कर अपनी टीम के साथ घने जंगलों की आड़ लेकर भाग निकले।

वर्दीधारी महिला नक्सली का शव बरामद

गोलीबारी रुकने के बाद जवानों ने इलाके में सर्च ऑपरेशन चलाया, जिसमें एक वर्दीधारी महिला नक्सली का शव बरामद किया गया। साथ ही 303 रायफल समेत भारी मात्रा में नक्सलियों की सामग्री बरामद हुई है, जिसमें प्रिंटर, दवाईयां समेत बंदूक की गोलियां, बिजली, तार समेत अन्य सामान शामिल हैं।

देर शाम को वापस पहुंची टीम

नक्सलियों से मुठभेड़ के बाद जवानों को अंदाजा था कि कई नक्सलियों को मुठभेड़ में गोली लगी है, इसलिए जवानों ने इलाके में सर्च ऑपरेशन जारी रखा। पुलिस का दावा है कि मुठभेड़ में 6 से 7 नक्सलियों को गोली लगी है। देर शाम पुलिस टीम माड़ के इलाके से निकलकर छोटे बेठिया पहुंची। यहां से मृत महिला नक्सली के शव को कांकेर लाया गया है, जहां उसका पोस्टमॉर्टम किया जाएगा।

बड़े सुरक्षा घेरे में रहते हैं नक्सलियों के टॉप लीडर्स

नक्सलियों के जिन बड़े लीडर्स को घेरने जवानों की टीम निकली थी, उनका सुरक्षा घेरा बहुत बड़ा होता है। जवानों की टीम नक्सलियों के सुरक्षा घेरे को बहुत हद तक भेदने में कामयाब हो गई थी, लेकिन नक्सलियों के टॉप लीडर्स बच निकलने में कामयाब हो गए।

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