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जापान का चंद्रयान खत्‍म हो जाएगा या अभी उम्‍मीद बरकरार? चांद पर पहुंचने के बाद भी मिशन खतरे में

japan chandrayaan

टोक्यों: जापान चांद पर पहुंचने वाला दुनिया का पांचवां देश बन गया है। स्थानीय समयानुसार शनिवार तड़के जापानी अंतरिक्ष यान चंद्रमा के सतह पर उतरा। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। अधिकारियों ने बताया कि हालांकि, यह अब भी निर्धारित करने की कोशिश की जा रही है अंतरिक्ष यान ने सटीक लैंडिंग की या नहीं। उन्होंने बताया कि मानव रहित अंतरिक्ष यान के लैंडिंग के बारे में स्पष्ट विश्लेषण में कुछ और समय लग सकता है। इंस्टीट्यूट ऑफ स्पेस एंड एस्ट्रोनॉटिकल साइंस के प्रमुख हितोशी कुनिनका ने बताया कि उनका मानना है कि रोवर्स लॉन्च किए गए थे और डेटा पृथ्वी पर भेजा जा रहा था लेकिन लैंडर के सौर ऊर्जा पैनलों में समस्या हो सकती है, और ऐसा प्रतीत होता है कि वह फिलहाल केवल बैटरी पर काम कर रहा है।

कुनिनका ने कहा कि उनका मानना है कि उन्होंने कम से कम ‘न्यूनतम’ सफलता हासिल कर ली है । चंद्रमा की जांच के लिए स्मार्ट लैंडर या SLIM, स्थानीय समय के अनुसार रात लगभग 12 बजकर 20 मिनट पर चंद्रमा की सतह पर उतरा। जापान की अंतरिक्ष एजेंसी ने शनिवार तड़के कहा कि उसका अंतरिक्ष यान चंद्रमा पर है, लेकिन अब भी ‘उसकी स्थिति की जांच’ की जा रही है। अमेरिका, रूस, चीन और भारत के बाद जापान यह उपलब्धि हासिल करने वाला पांचवां देश बन गया है।

पहले जताई गई क्रैश की आशंका

मून स्नाइपर अंतरिक्ष यान ने चंद्रमा की सतह पर पिनपॉइं लैंडिंक करने की कोशिश की है। जापान पहले इस तरह की लैंडिंग एक उल्कापिंड पर करा चुका है। लेकिन चंद्रमा के मजबूत गुरुत्वाकर्षण के कारण उस पर उतरना मुश्किल होता है। शुक्रवार की लैंडिंग का प्रयास एक क्रेटर में किया गया। लगभग घंटे भर बाद तक जापान का स्पेसक्राफ्ट से संपर्क नहीं हो सका, जिससे पहले माना जा रहा था कि यह क्रैश हो गया है। हालांकि बाद में एजेंसी ने लैंडिंग और संपर्क की पुष्टि की। हालांकि इसके सोलर पर अभी रोशनी नहीं पहुंच रही है।

अभी भी उम्मीद बरकरार

SLIM के सोलर पैनल पर सूर्य की रोशनी न पहुंचने से यह बिजली नहीं बना पा रहे। हालांकि एक्सपर्ट्स को अभी भी उम्मीद है कि यह काम कर सकता है। शौकिया खगोलशास्त्री स्कॉट टिली ने ट्वीट कर कहा, ‘SLIM संभवतः छाया वाले क्षेत्र में है। लेकिन समय इसे बदल सकता है। जैसा कि प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा गया कि अगले पखवाड़े में सूर्य का कोण बदल जाएगा। ऐसे में हम अचानक एक सरप्राइज देख सकते हैं। अभी भी सस्पेंस बना है।’

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